उच्च न्यायालय ने कोविड जांच घोटाले में मैक्स कॉरपोरेट के अधिकारियों को गिरफ्तारी से राहत दी

By भाषा | Updated: June 24, 2021 17:12 IST2021-06-24T17:12:21+5:302021-06-24T17:12:21+5:30

High Court grants relief to Max Corporate officials from arrest in Kovid investigation scam | उच्च न्यायालय ने कोविड जांच घोटाले में मैक्स कॉरपोरेट के अधिकारियों को गिरफ्तारी से राहत दी

उच्च न्यायालय ने कोविड जांच घोटाले में मैक्स कॉरपोरेट के अधिकारियों को गिरफ्तारी से राहत दी

देहरादून, 24 जून उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार कुंभ के दौरान हुए कथित कोविड जांच घोटाले में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के अधिकारियों को ‘मनमाने तरीके’ से गिरफ्तार किए जाने से राहत प्रदान कर दी और उनसे जांच में शामिल होने को कहा।

याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धनिक ने बुधवार को दिल्ली स्थित एजेंसी के अधिकारियों को घोटाले में ‘मनमाने तरीके’ से गिरफ्तार किए जाने से राहत प्रदान कर दी।

मैक्स कॉरपोरेट की साझेदार मल्लिका पंत ने एजेंसी की तरफ से अदालत में दायर अपनी याचिका में पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती दी है।

हालांकि, अदालत ने एजेंसी के अधिकारियों से जांच में सहयोग करने तथा मामले में जांच अधिकारी के सामने शुक्रवार को पेश होने को कहा।

हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी एसके झा ने 17 जून को हरिद्वार कोतवाली में कुंभ के दौरान फर्जी कोविड जांच करने के आरोप में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और आईसीएमआर से अनुमति प्राप्त दो निजी प्रयोगशालाओं- डॉ. लालचंदानी लैब और नलवा लैबोरैटरीज के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

आरोपी कंपनी और दोनों प्रयोगशालाओं के खिलाफ महामारी अधिनियम तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा तथा भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी तथा 420 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी निजी जांच प्रयोगशालाओं ने फर्जीवाड़ा करते हुए एक ही पते और एक ही फोन नंबर पर कई व्यक्तियों के नमूने दर्ज किए तथा कई मामलों में बिना जांच करे ही निगेटिव कोविड रिपोर्ट जारी कर कुंभ के दौरान मानव जीवन को हानि पहुंचाने की आपराधिक लापरवाही की।

यह मामला तब खुला जब एक व्यक्ति ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से शिकायत की कि उसे अपने मोबाइल फोन पर कुंभ में अपनी निगेटिव कोविड जांच रिपोर्ट होने संबंधी एक संदेश प्राप्त हुआ जबकि उसने जांच के लिए अपना नमूना नहीं दिया था।

मामले की जांच के लिए पुलिस द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन भी किया गया है।

गुप्ता ने कहा कि एजेंसी मैक्स कॉरपोरेट सर्विस ने अदालत के सामने दलील दी कि वह केवल एक सेवा प्रदाता थी और नमूने लेना तथा उनकी प्रविष्टि करने का काम उसका नहीं, बल्कि उसके द्वारा अनुबंधित आईसीएमआर से मंजूरी प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं का था।

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Web Title: High Court grants relief to Max Corporate officials from arrest in Kovid investigation scam

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