मैनपुरी की किशोरी की मृत्यु की जांच से उच्च न्यायालय असंतुष्ट
By भाषा | Updated: October 21, 2021 22:06 IST2021-10-21T22:06:00+5:302021-10-21T22:06:00+5:30

मैनपुरी की किशोरी की मृत्यु की जांच से उच्च न्यायालय असंतुष्ट
प्रयागराज, 21 अक्टूबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मैनपुरी जिले में स्कूल में फांसी से लटकती पाई गई एक 16 वर्षीय लड़की की मौत की जांच को लेकर बुधवार को असंतोष व्यक्त किया। यह लड़की वर्ष 2019 में अपने स्कूल में मृत पाई गई थी।
अदालत ने निर्देश दिया कि यदि इस मामले की अगली सुनवाई तक डीएनए जांच की रिपोर्ट नहीं प्राप्त होती तो उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होना पड़ेगा।
मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने महेंद्र प्रताप सिंह नाम के एक व्यक्ति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
इससे पूर्व, 16 सितंबर, 2021 को अदालत ने राज्य सरकार के वकील को मैनपुरी की उस लड़की की संदिग्ध मृत्यु की जांच में प्रगति से अवगत कराने को कहा था।
सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार के वकील ने इस मामले में की जा रही जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश किया जिसे देखने के बाद अदालत ने कहा कि वह जांच की गति से संतुष्ट नहीं है।
अदालत ने कहा, “राज्य द्वारा पेश इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 170 संदिग्ध आरोपियों के डीएनए के नमूने लिए गए और उन्हें जांच के लिए लैब में भेजे गए। हालांकि, इसकी रिपोर्ट अब भी आनी बाकी है।”
इसके बाद, अदालत ने सुनवाई 25 अक्टूबर तक के लिए इस शर्त के साथ टाल दी कि यदि डीएनए जांच की रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख तक प्राप्त नहीं होती है तो पुलिस महानिदेशक को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश होना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में करीब 16 वर्षीय एक लड़की अपने स्कूल में फांसी पर लटकी पाई गई थी। उसके परिजनों का आरोप है कि लड़की की हत्या की गई।
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