उच्च न्यायालय ने एनसीएलएटी के तकनीकी सदस्य की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
By भाषा | Published: November 9, 2021 05:36 PM2021-11-09T17:36:41+5:302021-11-09T17:36:41+5:30
नयी दिल्ली, नौ नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलएटी) के तकनीकी सदस्य की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। अदालत ने याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि 'इंडिया अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी' की याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता पर लगाये गऐ जुर्माने की राशि चार सप्ताह के भीतर दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के पास जमा की जाए।
पीठ ने कहा कि विचाराधीन सदस्य पूरी तरह से योग्य थे और जनवरी 2020 में उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति ने उनका चयन किया था।
अदालत ने कहा, '' प्रतिवादी संख्या-2 (सदस्य) की योग्यता को देखते हुए, वह नियुक्ति के लिए पूरी तरह से योग्य हैं और उन्हें विधि के अनुसार तलाश सह चयन समिति द्वारा चुना गया है। चयन की प्रक्रिया कानून के अनुसार है। प्रतिवादी संख्या-2 ने कई वर्षों तक राष्ट्रीय उपभोक्ता (विवाद निवारण) आयोग में भी काम किया है।''
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता एक ''निष्क्रिय कंपनी'' थी और उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
अदालत ने कहा, ''हमें रिट याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता और इसे 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है।
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