दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अग्निशमन विभाग को नेहरू प्लेस इलाके में एक कार्य दिवस पर ‘मॉक ड्रिल’ करने और कमियों का पता लगाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि दमकल की गाड़ियां सभी तरफ से मौके पर पहुंच सके। नेहरू प्लेस क्षेत्र में हाल ही में आग लगने की घटना हुई थी। इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि मॉक ड्रिल के बाद दिल्ली दमकल सेवा (डीएफएस) द्वारा की गई सिफारिशों और सुझावों पर एक समिति विचार करेगी, जिसका गठन नेहरू प्लेस के संबंध में किसी भी मुद्दे पर नजर रखने के लिए किया गया है। अदालत नेहरू प्लेस में जिला वाणिज्यिक केंद्र की एक इमारत में आग लगने की घटना पर संज्ञान लेने के बाद एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।अदालत ने कहा था कि नेहरू प्लेस क्षेत्र में फेरीवालों और विक्रेताओं की समस्या की व्यापकता, जिसे सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो से देखा जा सकता है, यह दर्शाती है कि दमकल गाड़ियों तक पहुंचना मुश्किल था, जहां 12 अगस्त को शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि चूंकि आग की घटना के बाद जनहित याचिका दाखिल हुई है, इसलिए डीएफएस को मामले में पक्षकार के रूप में पेश करना उचित समझा गया और उसे नोटिस जारी किया। अदालत ने दमकल सेवा प्रमुख को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि क्षेत्र का स्थानीय दमकल केंद्र एक कार्य दिवस पर नेहरू प्लेस क्षेत्र में ‘मॉक ड्रिल’ करे और कमियों की पहचान करते हुए एक रिपोर्ट दाखिल करे। पीठ ने कहा कि दमकल अधिकारी की रिपोर्ट और समिति द्वारा की गई कार्रवाई सुनवाई की अगली तारीख यानी 27 अक्टूबर से कम से कम एक सप्ताह पहले अदालत के समक्ष दायर की जाए। पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इमारत हर तरफ से सुरक्षित हो और दमकल की गाड़ियों की पहुंच हर तरफ से हो।’’ अदालत ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि यह क्षेत्र अतिक्रमण से मुक्त हो और अच्छी स्थिति में हो ताकि आपात स्थिति में दमकल की गाड़ियां वहां जल्द से जल्द पहुंच सकें।
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