उच्च न्यायालय ने पुलिस से जामिया हिंसा के लंबित मामलों की नवीनतम स्थिति बताने को कहा
By भाषा | Updated: October 28, 2021 16:04 IST2021-10-28T16:04:22+5:302021-10-28T16:04:22+5:30

उच्च न्यायालय ने पुलिस से जामिया हिंसा के लंबित मामलों की नवीनतम स्थिति बताने को कहा
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस को दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की घटनाओं से संबंधित मामलों की नवीनतम स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया। हिंसा की ये घटनाएं संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी हुई हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस उसे निचली अदालत में चल रहे मामलों की स्थिति के बारे में सूचित करेगी। इसमें अदालत में दाखिल किए गए आरोपपत्रों की संख्या, आरोप तय किए गए, मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई और गवाहों की संख्या के संबंध में जानकारी शामिल है।
शुरुआत में, मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली पुलिस के वकील से पूछा, "निचली अदालत में इन मामलों की स्थिति क्या है, जैसे आरोप पत्र दायर किया गया, मुकदमा शुरू हुआ, गवाहों की जांच की गई, आदि।"
पुलिस की ओर से अधिवक्ता ध्रुव पांडे ने कहा कि वह इस पर जानकारी लेंगे और उन्होंने जानकारी जुटाने के लिए कुछ समय मांगा।
उच्च न्यायालय ने पुलिस को समय देने के साथ ही मामले को आगे की सुनवाई के लिए 23 दिसंबर को सूचीबद्ध कर दिया।
दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर विश्वविद्यालय में हिंसा की घटनाएं हुई थीं।
उच्च न्यायालय कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि 13 और 15 दिसंबर, 2019 को विश्वविद्यालय के भीतर छात्रों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग और आक्रामकता की गई थी।
अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता वकील, जेएमआई के छात्र, दक्षिणी दिल्ली में ओखला के निवासी, जहां विश्वविद्यालय स्थित है, और संसद भवन के सामने जामा मस्जिद के इमाम हैं।
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