हेमंत सोरेन ने कहा, "केंद्र को उसी तरह से जवाब देंगे, जैसे यूक्रेन रूसी हमले का जवाब दे रहा है" लेकिन क्यों, जानिए यहां
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 11, 2022 07:05 PM2022-05-11T19:05:46+5:302022-05-11T19:09:15+5:30
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा जिस तरह से रूस यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए युद्ध कर रहा है, ठीक उसी तरह केंद्र सरकार भी रूस की तरह केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से राज्य सरकारों पर हमले करवा रही है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिये गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने बुधवार को राजधानी रांची में केंद्र पर हमला करते हुए कहा जिस तरह से रूस यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए युद्ध कर रहा है, ठीक उसी तरह केंद्र सरकार भी रूस की तरह केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई राज्य सरकारों पर हमले करवा रही है।
सीएम सोरेन, जो कि लाभ के पद के विवाद में फंसे हैं। उन्होंने झारखंड को यूक्रेन और दिल्ली को रूस की उपमा देते हुए कहा कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र को उसी तरह से जवाब देंगे जैसे यूक्रेन रूस के हमले का जवाब दे रहा है।"
उन्होंने कहा, "केंद्र जिस तरह से झारखंड में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए एजेंसियों का उपयोग कर नरहा है, उसकी तुलना यूक्रेन पर हो रहे रूसी हमले से करनी चाहिए। रूस ने सोचा था कि वह एक या दो दिन में यूक्रेन को हरा सकता है लेकिन यूक्रेन ने जिस तरह से रूस को हमले का जवाब दिया है, उसकी कल्पना रूस ने भी नहीं की थी।”
केंद्र पर कड़ा प्रहार करते हुए सोरेन ने कहा कि अगर केंद्र को यग गुमान है कि वो "झूठी कहानी" गढ़कर लोकतांत्रिक सरकार को अस्थिर कर सकता है, तो यह उसकी भूल है। हम लड़ेंगे। मैं न झुकूंगा और न ही कायरों की तरह भागूंगा।"
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया है कि वो मुख्यमंत्री रहते हुए खनन पट्टे मामले में "लाभ का पद" काबिज हैं, इसलिए क्यों न उन्हें मुख्यमंत्री के पद के लिए अयोग्य समझा जाए।
इस मामले में सीएम सोरेन ने जवाब देने के लिए चुनाव आयोग से 4 हफ्तों का समय मांगा था लेकिन आयोग ने नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें केवल 10 दिनों का समय दिया है।
खनन मामले में फंसे मुख्यमंत्री सोरेन ने सफाई देते हुए कहा, "मेरे खिलाफ लगाये गये सभी आरोप निराधार, झूठे और मनगढ़ंत हैं। खनन पट्टे का मुद्दा पुराना है, जिसे मैंने साल 2007 में चुनावी हलफनामों में विधिवत घोषित किया था।"
सीएम सोरेन ने इस मामले में कानूनी दावपेंच पर बात करते हुए कहा कानूनी विषेषज्ञों की राय है कि उनका पक्ष मजबूत है और बतौर विधायक उन्हें अयोग्य घोषित किये जाने की संभावना नहीं के बराबर है।
इस मामले में भाजपा पर आरोप लदाते हुए उन्होंने कहा, "यह भाजपा की चाल है और वो राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं। मौजूदा केंद्र हर समय गरीब राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करती है और उसकी खनिज संपदा का दोहन करने के लिए सदैव ताक में लगी रहती है।"
केंद्र पर बकाये कोयले की राशि को लेकर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा, "झारखंड आर्थिक संकट से गुजर रहा है और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सब कुछ जानती है, उसके बावजूद वो कोयले के बकाये धनराशि को जारी नहीं कर रही है।"
उन्होंने कहा, "कोयला कंपनियां झारखंड को बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रही हैं, जिसके कारण राज्य की विकास की परियोजनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसके द्वारा अविलंब बकाये का ङुगतान नहीं किया गया तो राज्य सार्वजनिक उपक्रमों को होने वाले कोयले की आपूर्ति को बंद कर देगा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)