‘कैदियों की तरह जी रहे’ परिवार को मदद, भारतीय मिशन ने भी किया संपर्क
By भाषा | Updated: July 10, 2018 03:08 IST2018-07-10T03:08:38+5:302018-07-10T03:08:38+5:30
यूएई में ‘‘ कैदियों की तरह रह रहे ’’ सात लोगों के एक भारतीय परिवार की मदद के लिए कई लोग सामने आ रहे हैं।

‘कैदियों की तरह जी रहे’ परिवार को मदद, भारतीय मिशन ने भी किया संपर्क
दुबई , 10 जुलाई : यूएई में ‘‘ कैदियों की तरह रह रहे ’’ सात लोगों के एक भारतीय परिवार की मदद के लिए कई लोग सामने आ रहे हैं। कई लोगों ने उन्हें नौकरी की पेशकश की है और यहां स्थित भारतीय मिशन ने भी सहायता मुहैया कराने के लिए उनसे संपर्क किया है।
दुबई में भारत की कार्यवाहक महा वाणिज्य दूत सुमथी वासुदेव ने ‘ पीटीआई ’ से कहा , ‘‘ दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने शारजाह स्थित इस परिवार से संपर्क किया और उन्हें मदद की पेशकश की। ’’
केरल के मधुसूधानन (60) और श्रीलंका मूल की उनकी पत्नी रोहिणी (55) ने दावा किया था कि वह शारजहा में कैदियों की तरह जी रहे है और गिरफ्तारी तथा निर्वासन के डर से उन्होंने यूएई सरकार से उनके यहां रहने के दर्जे को वैध करने की गुहार भी लगाई थी।
उनकी चार बेटियां अश्विथी (29) संगीता (25) शांति (23) गौरी (22) और एक बेटा मिथुन (21) हैं , जो अपने पूरे जीवन में कभी स्कूल नहीं गए। सभी बेरोजगार हैं और एक पुराने दो कमरों के घर में रहते हैं। वासुदेव ने कहा , ‘‘ पांच में से चार के पास पासपोर्ट हैं लेकिन वर्ष 2012 में उनकी वैधता समाप्त हो गई थी।
उन्होंने कहा , ‘‘ समुदाय के लोगों ने सामने आकर मधुसूधानन और उनके बच्चों को नौकरी की पेशकश की है। मधुसूधानन की पत्नी के श्रीलंका मूल की होने पर उनकी मदद कैसे की जाएगी के सवाल पर वासुदेव ने कहा कि मधुसूधानन का दर्जा वैध होने के बाद श्रीलंकाई वाणिज्य दूतावास से उनकी (रोहिणी की) मदद के लिए संपर्क किया जाएगा।
‘ खलीज टाइम्स ’ ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि उनके पास खाने को पर्याप्त सामान नहीं है और ऐसे भी कई दिन आते हैं जब उन्हें क्यूबोज (अरबी ब्रेड) पर गुजारा करना पड़ता है।