राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के एक और मामले में सुनवाई शुरू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर टिप्पणी से जुड़ा है केस
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 3, 2023 21:28 IST2023-06-03T21:26:24+5:302023-06-03T21:28:11+5:30
राहुल गांधी पर आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़कर बदनाम करने का आरोप है। शिकातकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में एक रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस नेता की टिप्पणी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ शनिवार, 3 जून को महाराष्ट्र की भिवंडी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जिम्मेदार ठहराने वाला बयान दिया था। मुकदमे की सुनवाई के पहले दिन, अदालत ने शिकायतकर्ता राजेश कुंटे का बयान दर्ज किया।
हालाँकि बयान की रिकॉर्डिंग अधूरी थी और इसे अगली सुनवाई में दर्ज किया जाएगा। शनिवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने अदालत को कांग्रेस नेता के भाषण की एक डीवीडी भी सौंपी। अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी।
राजेश कुंटे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हैं और उन्होंने राहुल गांधी पर आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़कर बदनाम करने का आरोप लगाया है। राजेश कुंटे ने 2014 में एक रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस नेता की टिप्पणी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में दावा किया गया कि ये बयान झूठा था और इससे आरएसएस की छवि धूमिल हुई।
बता दें कि फिलहाल अमेरिका यात्रा पर गए राहुल गांधी मोदी सरनेम मानहानि मामले में अदालत से 2 साल की सजा मिलने के बाद अपनी सांसदी गंवा चुके हैं। मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से भी झटका लग चुका है। राहुल गांधी की याचिका पर कोर्ट ने तत्काल कोई राहत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट इस मामले में गर्मी की छुट्टियों के बाद जून में अपना फैसला सुना सकती है। राहुल गांधी ने इस हाई कोर्ट से आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी।
साल 2019 में कर्नाटक की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि 'सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है'? चार साल बाद अदालत ने मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया और 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी मामले में सूरत की अदालत में तीन बार पेश हुए लेकिन उन्होंने एक बार भी अपनी कथित टिप्पणी को लेकर माफी नहीं मांगी।