'मेरे बेटे की हत्या के लिए उसे मौत की सजा होनी चाहिए,' अतीक अहमद की सजा पर बोलीं उमेश पाल की माँ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 28, 2023 15:43 IST2023-03-28T15:38:11+5:302023-03-28T15:43:40+5:30

उमेश पाल की माँ शांति देवी ने कहा, मेरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विनती है कि मेरे बेटे की हत्या के लिए अदालत अतीक अहमद को फांसी की सजा सुनाए। 

He deserves death penalty for killing my son,' Umesh Pal's mother Shanti Devi on Atiq Ahmed's sentence | 'मेरे बेटे की हत्या के लिए उसे मौत की सजा होनी चाहिए,' अतीक अहमद की सजा पर बोलीं उमेश पाल की माँ

'मेरे बेटे की हत्या के लिए उसे मौत की सजा होनी चाहिए,' अतीक अहमद की सजा पर बोलीं उमेश पाल की माँ

Highlightsउमेश पाल की माँ शांति देवी ने कहा, जो फैसला आज आया है इस पर मुझे पूर्ण विश्वास थाउन्होंने सीएम योगी से विनती करते हुए कहा- मेरे बेटे की हत्या के लिए अदालत अतीक अहमद को फांसी की सजा सुनाए अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मामले में सश्रम आजीवन कारावास की सजा और 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया

प्रयागराज:प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया-राजनेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उमेश पाल की माँ शांति देवी ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया है। लेकिन, वह चाहती हैं कि उमेश पाल की हत्या के मामले में माफिया को फांसी की सजा होनी चाहिए।

उमेश पाल की माँ शांति देवी ने कहा, जो फैसला आज आया है इस पर मुझे पूर्ण विश्वास था, लेकिन यह फैसला उमेश के अपहरण का है। लेकिन उसके बाद मेरे बेटे का मर्डर हुआ है, जो कलम की लड़ाई लड़ता था। उन्होंने कहा, मेरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विनती है कि मेरे बेटे की हत्या के लिए अदालत अतीक अहमद को फांसी की सजा सुनाए। 


जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी। 

अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह रकम उमेश पाल के परिजन को दी जाएगी। अदालत ने अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। 

सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। कचहरी परिसर में मौजूद वकीलों ने दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की। माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए अदालत में दोपहर करीब 12 बजे पेश किया गया। 

अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज में नैनी केन्द्रीय कारागार लाया गया था। उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। 

उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 

अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 

(इनपुट भाषा एजेंसी के साथ)

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