हाथरस मामले में केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत मिल गई लेकिन कब होंगे जेल से रिहा, जानें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 10, 2022 07:34 AM2022-09-10T07:34:47+5:302022-09-10T07:36:07+5:30
पीठ में न्यायमूर्ति एस. रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा भी शामिल थे। पीठ ने कप्पन की जमानत मंजूर करते हुए कहा, ‘‘अभी तक आपने (आयोजन पक्ष ने) ऐसा कुछ नहीं पेश किया है, जिसे उकसावा कहा जाए।’’ कप्पन पिछले दो वर्ष से जेल में है।
लखनऊः उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय गिरफ्तार किये गये केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को शुक्रवार जमानत दे दी। न्यायालय ने कहा कि ‘‘प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है।’’ उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को रिहा किया जाएगा।
महानिदेशक कारागार कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी संतोष कुमार वर्मा ने कहा, "सिद्दीकी कप्पन पिछले कुछ महीनों से लखनऊ जेल में बंद है। जमानत आदेश यहां जमा होने और उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार रिहाई आदेश जारी होने के बाद उसे जेल से रिहा कर दिया जाएगा।"
कप्पन को हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था। पीड़िता दलित समुदाय की थी। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कप्पन को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश की जेल से रिहा किए जाने के बाद आगामी छह सप्ताह तक दिल्ली में ही रहें।
पीठ में न्यायमूर्ति एस. रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा भी शामिल थे। पीठ ने कप्पन की जमानत मंजूर करते हुए कहा, ‘‘अभी तक आपने (आयोजन पक्ष ने) ऐसा कुछ नहीं पेश किया है, जिसे उकसावा कहा जाए।’’ कप्पन पिछले दो वर्ष से जेल में है। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलों पर भी ध्यान दिया और जमानत के लिए कई शर्तें रखीं, जिसमें जेल से रिहा होने के बाद कप्पन को अगले छह सप्ताह तक दिल्ली में रहना होगा और हर सप्ताह सोमवार को निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना होगा।
कप्पन को अक्टूबर, 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था, जहां कथित तौर पर बलात्कार के बाद एक दलित महिला की मौत हो गई थी। उन्हें मथुरा पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध रखने और हिंसा भड़काने की "साजिश" का हिस्सा होने के कारण गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें लखनऊ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।