क्या अडानी मुद्दे पर विपक्षी एकजुटता में पड़ी फूट? कपिल सिब्बल ने बताई शरद पवार के बयान की बड़ी वजह

By अंजली चौहान | Published: April 10, 2023 09:44 AM2023-04-10T09:44:08+5:302023-04-10T10:07:40+5:30

कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक दलों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन व्यापक दृष्टिकोण से आम सहमति की संभावना बहुत अधिक है।

Has there been a split in the opposition unity on the Adani issue Kapil Sibal told the main reason for Sharad Pawar's statement | क्या अडानी मुद्दे पर विपक्षी एकजुटता में पड़ी फूट? कपिल सिब्बल ने बताई शरद पवार के बयान की बड़ी वजह

फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस और शरद पवार के अडानी मुद्दे पर विचार अलगविपक्ष में फूट के बीच कपिल सिब्बल ने शरद पवार के बयान पर सफाई दी कपिल सिब्बल का कहना है कि राजनीतिक दलों के विचार अलग हो सकते हैं

नई दिल्ली: अडानी मुद्दे को लेकर एक ओर जहां पूरा विपक्ष सत्ताधारी बीजेपी सरकार को घेरने में एकजुट हो गया है, वहीं अब विपक्ष में अडानी मुद्दे को लेकर फूट की बात सामने आ रही है।

विपक्ष के कई नेता अडानी मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान से अलग अपनी राय रख रहे हैं, जिसके बाद ये खबर तेज हो गई है कि क्या विपक्ष की विचारधारा अलग-अलग हो गई है?

इस बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि शरद पवार और राहुल गांधी का अलग-अलग विचार रखना विपक्ष में फूट का उदाहरण नहीं है। दोनों को अपने विचार रखने की अनुमति है।

कपिल सिब्बल ने रविवार को एक साक्षात्कार के दौरान कहा, "आपको अलग-अलग दलों को अलग-अलग विचार रखने की अनुमति देनी चाहिए। हमें राहुल गांधी को एक व्यक्ति पर विचार रखने की अनुमति देनी चाहिए और शरद पवार को भी अपना दृष्टिकोण रखना चाहिए। यह एकता का उदाहरण नहीं होना चाहिए।" 

राजनीतिक दलों में मतभेद हो सकते हैं

कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक दलों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन व्यापक दृष्टिकोण से आम सहमति की संभावना बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि अगर आप मुद्दों को छोटा करते हैं तो आपके बीच राजनीतिक दलों के बीच मतभेद होंगे। 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हाल ही में शरद पवार ने एक साक्षात्कार के दौरान अडानी मुद्दे पर जो कुछ कहा था उसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि विपक्षी एकता में फूट आ गई है। शरद पवार ने कथित अडानी घोटले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच के खिलाफ अपनी राय रखी।

पवार का कहा कि जेपीसी में सत्तारूढ़ पार्टी के पास बहुमत होता है और इसलिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति जेपीसी से बेहतर होगी। उन्होंने अडानी मुद्दे से अलग विपक्ष को सलाह दी कि उन्हें अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और कृषि संकट जैसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। 

दूसरी ओर कांग्रेस ये मुद्दा तेजी से उठा रही है कि अडानी मामले की संसदीय समिति द्वारा जांच होनी चाहिए। 

Web Title: Has there been a split in the opposition unity on the Adani issue Kapil Sibal told the main reason for Sharad Pawar's statement

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