हरियाणाः मनोहर लाल खट्टर आज ले सकते हैं मुख्यमंत्री पद की शपथ, मिला निर्दलीय विधायकों का समर्थन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 25, 2019 07:30 IST2019-10-25T07:30:23+5:302019-10-25T07:30:23+5:30
मनोहर लाल खट्टर फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। आठ निदर्लीय विधायकों के भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के साथ हरियाणा में असमंजस की स्थिति समाप्त हो गई है।

हरियाणाः मनोहर लाल खट्टर आज ले सकते हैं मुख्यमंत्री पद की शपथ, मिला निर्दलीय विधायकों का समर्थन
आठ निदर्लीय विधायकों के भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के साथ हरियाणा में असमंजस की स्थिति समाप्त हो गई है। भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कहा कि चीजें सही दिशा में चल रही हैं। संकेत हैं कि मनोहर लाल खट्टर शुक्रवार को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। पार्टी ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन का पत्र मिलने का दावा किया है। हरियाणा में बहुमत में विफल रहने वाली भाजपा निदर्लीय विधायकों के समर्थन से पूर्ण बहुमत हासिल कर लेगी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 40 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है हालांकि बहुमत के जादुई आंकड़े से वह अब भी छह सीट दूर है। भाजपा शुक्रवार को राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। कांग्रेस 31 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी दस सीटों पर जीत दर्ज की है। इनेलो और गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी को एक-एक सीट मिली है। वहीं 46 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली आम आदमी पार्टी खाता भी खोल नहीं सकी। नई विधानसभा में सात निर्दलीय जीत कर आए है और राज्य में अगली सरकार गठित करने में उनकी अहम भूमिका होने की उम्मीद है।
त्रिशंकु विधानसभा के चलते राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। खबरों के मुताबिक हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और निर्दलीय चुने गए रणजीत सिंह को भाजपा पार्टी नेतृत्व से मिलाने के लिए दिल्ली ले गई और उन्होंने देर रात बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
तीसरे निर्दलीय विधायक सोमवीर सिंह ने कहा कि वह भाजपा का समर्थन करेंगे। लोकसभा में राज्य की दस सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा के लिए नतीजे निराश करने वाले रहे। चुनाव में 75 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा 40 सीटों पर सिमट गई और राज्य सरकार के 10 मंत्रियों में से आठ को हार का सामना करना पड़ा।