हरियाणा चुनाव: कांग्रेस, लोकदल, आप समेत कई पार्टी मुखियाओं का चुनावी मैदान में उतरने से परहेज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 6, 2019 08:35 IST2019-10-06T08:35:13+5:302019-10-06T08:35:13+5:30
Haryana Assembly Election 2019: हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस समेत कई पार्टियों के प्रमुखों ने बनाई चुनावी मैदान से दूरी

कांग्रेस समेत कई मुखियाओं ने बनाई चुनावी मैदान से दूरी
चंडीगढ़, बलवंत तक्षक। हरियाणा में भाजपा को छोड़कर राजनीतिक पार्टियों के मुखियाओं ने विधानसभा चुनावों के लिए मैदान में उतरने से परहेज किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला जरूर एक बार फिर टोहाना क्षेत्र से मैदान में उतरे हैं।
कांग्रेस की नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रही हैं। सिरसा और अंबाला लोकसभा क्षेत्रों से सांसद रह चुकी पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा इस समय राज्यसभा की सदस्य हैं।
चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर उनका कहना है, मैदान में उतरे कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच तालमेल बनाये रखने के लिए मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं। शैलजा का मानना है कि पार्टी की कमान जिसके भी हाथ में हो, उसे चुनाव लड़ने के बजाये चुनाव लड़वाने चाहिए।
लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं लड़ रहे चुनाव
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष बीरबलदास ढालिया भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते ढालिया उनके प्रधान सचिव होते थे।
आईएएस अफसर रहे ढालिया सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद राजनीति में आए थे और जल्दी ही उन्हें इनेलो की कमान भी मिल गई। पिछले विधानसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर रही इनेलो ने इस बार 90 में से 81 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, जबकि पांच सीटें समझौते के तहत शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के लिए छोड़ दी हैं।
जेजेपी के अध्यक्ष निशान सिंह भी नहीं उतरे चुनावी समर में
चौटाला परिवार के दो फाड़ होने के बाद बनी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह भी इस बार मैदान में नहीं उतरे हैं। टोहाना क्षेत्र से विधायक रह चुके निशान सिंह भी चुनावों के दौरान पूरे हरियाणा में सक्रिय रहना चाहते हैं। यही वजह है कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। जेजेपी ने राज्य की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
बीएसपी, आप, स्वराज इंडिया प्रमुख भी नहीं उतरे चुनावी मैदान में
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश भारती भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। गौरतलब है कि बसपा ने चुनावों के मद्देनजर हरियाणा में पहले इनेलो, फिर लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) और आखिर में जेजेपी से चुनावी समझौता किया था, लेकिन थोड़े-थोड़े समय बाद सबके साथ समझौते टूटते गए। बसपा अब अपने बलबूते अकेले ही चुनाव लड़ रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य की 48 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनावों में जयहिंद फरीदाबाद क्षेत्र से मैदान में उतरे थे, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
इसी तरह ‘आप’ से अलग हो चुके शिक्षाविद योगेंद्र यादव की पार्टी स्वराज इंडिया ने हरियाणा में 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। स्वराज इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे राजीव गोदारा भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।