हरियाणा विधानसभा चुनाव: CM खट्टर ने खुद को किया साबित, विरोधियों को बैठा दिया घर

By बलवंत तक्षक | Updated: October 7, 2019 08:38 IST2019-10-07T08:38:14+5:302019-10-07T08:38:14+5:30

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यह पहले ही साफ कर चुके हैं कि पार्टी के फिर से सत्ता में आने की सूरत में राज्य की बागडोर फिर से खट्टर के ही हाथों में होगी.

Haryana assembly elections: CM Khattar proved himself, made opponents sit home | हरियाणा विधानसभा चुनाव: CM खट्टर ने खुद को किया साबित, विरोधियों को बैठा दिया घर

हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे.

Highlightsखट्टर की कार्यशैली को लेकर जिन विधायकों ने विरोध का झंडा उठाया था, इस बार उनकी टिकट काट दी गई हैं.नाराज विधायकों ने सुधारक ग्रुप का गठन कर खट्टर के विरुद्ध अपना अभियान शुरू किया था.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भाजपा के उन सभी विधायकों को घर बैठा दिया है, जिन्होंने करीब ढाई साल पहले उनके खिलाफ अभियान चलाया था. अपने विरोधियों के टिकट कटवा कर खट्टर ने साबित कर दिया है कि हरियाणा में पार्टी के भीतर उन्हें किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है.

खट्टर की कार्यशैली को लेकर जिन विधायकों ने विरोध का झंडा उठाया था, इस बार उनकी टिकट काट दी गई हैं. हालांकि, असंतुष्टों ने खुद को विरोधी कहलाने के बजाए सुधारक बताते हुए कहा था कि पार्टी के हित में आलाकमान का ध्यान आकृष्ट करने को मुख्यमंत्री की खिलाफत नहीं माना जाना चाहिए. बावजूद इसके उन सभी विधायकों को पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया.

इस सूची में रेवाड़ी के विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, गुरु ग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल, मुलाना की विधायक संतोष चौहान सारवान, अटेली की विधायक संतोष यादव, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी और कोसली के विधायक विक्र म यादव शामिल हैं. इस अभियान में पर्दे के पीछे उद्योग मंत्री विपुल गोयल की भूमिका भी संदेहास्पद मानी गई और उन्हें भी फरीदाबाद से टिकट नहीं दिया गया. करनाल के भाजपा सांसद संजय भाटिया, जिन्हें मुख्यमंत्री खट्टर का नजदीक माना जाता है, उन्होंने पानीपत की विधायक रोहिता रेवड़ी का टिकट कटवा कर प्रमोद विज को मैदान में उतरने का मौका दिया है.

नाराज विधायकों ने सुधारक ग्रुप का गठन कर खट्टर के विरुद्ध अपना अभियान शुरू किया था. तब मामला इतना बढ़ गया था कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को न केवल इन विधायकों को साथ लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करनी पड़ी थी, बल्कि पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी खट्टर को तलब कर लिया था.

नाराज विधायकों का आरोप था कि मुख्यमंत्री उनकी अनदेखी करते हैं. इस दौरान विधायक उमेश अग्रवाल की तरफ से विधानसभा में भी ऐसे मुद्दे उठाए गए थे, जिससे मुख्यमंत्री को सदन में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था.

उस समय दिया था धैर्य का परिचय
खट्टर ने तब हालात शांत होने तक बड़े धैर्य का परिचय दिया था. उन्होंने कहा था, कोई खास बात नहीं है. घर का मामला है, आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाएगा. लेकिन अब विधानसभा चुनावों में उन्होंने उन में से किसी भी विधायकों को टिकट नहीं लेने दी है, जो समय-समय पर उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करते रहे हैं.

Web Title: Haryana assembly elections: CM Khattar proved himself, made opponents sit home

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