Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा में 90 सीट, बसपा 37 और इनेलो 53 सीट पर लड़ेंगी चुनाव, गठबंधन की रूपरेखा तैयार, जानें समीकरण
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 11, 2024 12:38 PM2024-07-11T12:38:12+5:302024-07-11T13:02:19+5:30
Haryana Assembly Elections 2024: इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की है।

photo-ani
Haryana Assembly Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2024) की तैयारी शुरू हो गई। अक्टूबर में 3 राज्य हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने है। अभी से दलों में गठबंधन शुरू हो गया। इस बीच इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lok Dal INLD) और मायावती के नेतृत्व वाली बसपा (BSP) ने गठजोड़ की घोषणा की। गठबंधन बनाकर एक साथ चुनाव लड़ेंगे। इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने कहा कि आईएनएलडी, बीएसपी ने आगामी हरियाणा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए गठबंधन की घोषणा की है। हरियाणा में 90 सीट हैं और बसपा को 37 सीट दिया गया है। आईएनएलडी 53 सीट पर चुनाव लड़ेंगी।
#WATCH | Indian National Lok Dal (INLD) and the Bahujan Samaj Party (BSP) have announced to contest the upcoming Haryana Assembly elections together.
— ANI (@ANI) July 11, 2024
INLD leader Abhay Singh Chautala says, "Today the sentiment of the common man is that the BJP, which has been looting this state… pic.twitter.com/jlxyV69qyA
बीजेपी को सत्ता से हटाया जाए और कांग्रेस पार्टी को सत्ता से दूर रखा जाए
इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आज आम आदमी की भावना यह है कि 10 साल से इस प्रदेश को लूटने वाली बीजेपी को सत्ता से हटाया जाए और कांग्रेस पार्टी को सत्ता से दूर रखा जाए। हरियाणा में जिन लोगों ने अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टियां बनाई हैं, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के विरोधी हैं, उन्हें साथ लाएं और हम एक ऐसा मोर्चा बनाएंगे। लोगों का विश्वास बढ़ेगा और गठबंधन की सरकार बनेगी।
अभय चौटाला जो हरियाणा में इनेलो के एकमात्र विधायक
इनेलो और बसपा ने हाल ही में लोकसभा चुनाव हरियाणा में अलग-अलग लड़ा और दोनों दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा। राज्य की 10 लोकसभा सीट में से बसपा ने नौ पर चुनाव लड़ा जबकि इनेलो ने सात सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन दोनों ही दल खाता खोलने में नाकाम रहे। अभय चौटाला जो हरियाणा में इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। कुरूक्षेत्र संसदीय सीट से मैदान में उतरे थे, लेकिन हार गए।
आईएनएलडी में विभाजन के बाद दिसंबर 2018 में जेजेपी पार्टी का गठन किया था
फरवरी 2019 में बसपा ने INLD के साथ अपना लगभग नौ महीने पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हरियाणा का मुख्य विपक्षी दल था। उस समय यह घटनाक्रम चौटाला परिवार में कलह के बीच हुआ था। पूर्व सांसद और अभय चौटाला के बड़े भाई अजय सिंह चौटाला और अजय के बेटे दुष्यंत चौटाला ने उस साल की शुरुआत में आईएनएलडी में विभाजन के बाद दिसंबर 2018 में जेजेपी पार्टी का गठन किया था।
गौरतलब है कि इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने शनिवार को लखनऊ में बसपा अध्यक्ष मायावती से उनके आवास पर मुलाकात की थी। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने राज्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की। सभी गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस संगठनों को एक साथ आना चाहिए और किसानों और श्रमिक वर्ग के शुभचिंतक अभय सिंह चौटाला के हाथों को मजबूत करना चाहिए।
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 पर चुनाव लड़ेगी
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने इस साल के अंत में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने पूर्व सहयोगी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से फिर से हाथ मिलाने का फैसला किया है। दोनों दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की। दोनों दलों के बीच हुए सीटों के बंटवारे के तहत हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 पर चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी की सीटों पर इनेलो चुनाव लड़ेगी।
गरीबों को न्याय कैसे मिलेगा और कमजोर वर्ग कैसे सशक्त होगा
चंडीगढ़ के बाहरी इलाके नयागांव में बसपा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि यह गठबंधन स्वार्थी हितों पर आधारित नहीं है बल्कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा कि बसपा और इनेलो सोच रही हैं कि गरीबों को न्याय कैसे मिलेगा और कमजोर वर्ग कैसे सशक्त होगा।
चौटाला परिवार में फूट के बीच यह कदम उठाया गया था
चौटाला ने कहा, ‘‘हरियाणा में हमने आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है। आज, आम जनता ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने और कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने का मन बना लिया है जिसने पहले 10 साल तक राज्य को लूटा।’’ बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने कहा कि हाल में बसपा सुप्रीमो मायावती और चौटाला ने गठबंधन के संबंध में एक लंबी बैठक की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘उस बैठक में यह तय किया गया कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।’’ फरवरी 2019 में बसपा ने इनेलो के साथ अपना करीब नौ माह पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। इनेलो उस वक्त हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल था। चौटाला परिवार में फूट के बीच यह कदम उठाया गया था।