हरियाणा विधानसभा चुनाव: खोई हुई राजनीतिक जमीन हासिल करने की कोशिशों में लालों के लाल

By बलवंत तक्षक | Published: September 27, 2019 09:39 AM2019-09-27T09:39:41+5:302019-09-27T09:39:41+5:30

हुड्डा सरकार के दौरान मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी किरण चौधरी भी कांग्रेस में मुख्मयंत्री पद की दावेदार मानी जाती रही हैं.

Haryana Assembly elections 2019 bhajanlal devilal bansilal family story | हरियाणा विधानसभा चुनाव: खोई हुई राजनीतिक जमीन हासिल करने की कोशिशों में लालों के लाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव: खोई हुई राजनीतिक जमीन हासिल करने की कोशिशों में लालों के लाल

Highlightsचौधरी देवीलाल के पड़पौते दुष्यंत चौटाला इस बार लोकसभा चुनाव में हिसार लोकसभा क्षेत्र से हार गएबंसीलाल की पौती श्रुति चौधरी को भी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार धर्मवीर सिंह के मुकाबले मात खानी पड़ी थी.

हरियाणा में लालों के लाल इस समय अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं. लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद लालों के लाल हताशा की स्थिति में हैं. आने वाले विधानसभा चुनावों में किसको कितनी कामयाबी मिल पाएगी, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. फिलहाल, सत्ता की दौड़ में राज्य के चौथे लाल, मनोहरलाल सबसे आगे नजर आ रहे हैं.

हरियाणा की राजनीति कई दशकों तक लालों के इर्द-गिर्द घूमती रही है. राज्य के तीनों ही लाल, बंसीलाल. भजनलाल और देवीलाल, बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनते रहे हैं. देवीलाल के लाल ओमप्रकाश चौटाला को भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल चुका है, लेकिन बंसीलाल के बेटों सुरेंद्र सिंह व रणबीर महेंद्रा और भजनलाल के बेटों चंद्रमोहन व कुलदीप बिश्नोई को अभी भी मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने का इंतजार है. हुड्डा सरकार के दौरान मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी किरण चौधरी भी कांग्रेस में मुख्मयंत्री पद की दावेदार मानी जाती रही हैं.

लोकसभा चुनावों में भजनलाल के पोते और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने हिसार से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह से हार गए. भजनलाल का गढ़ माने गए आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में भी पहली बार भव्य करीब 23 हजार वोटों के अंतर से पिछड़ गए. अब मौजूदा विधायक कुलदीप बिश्नोई को विधानसभा चुनाव में आदमपुर से अपनी किस्मत आजमानी है. पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन भी पंचकूला या फिर कालका क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.

बंसीलाल की पौती श्रुति चौधरी को भी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार धर्मवीर सिंह के मुकाबले मात खानी पड़ी थी. अब भिवानी जिले के तहत आने वाले तोशाम क्षेत्र से बंसीलाल की पुत्रवधू पूर्व मंत्री किरण चौधरी किस्मत आजमाएंगी. बंसीलाल के बड़े बेटे पूर्व विधायक रणबीर महेंद्रा भी बाढडा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

चौधरी देवीलाल के पड़पौते दुष्यंत चौटाला इस बार लोकसभा चुनाव में जहां जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के टिकट पर हिसार लोकसभा क्षेत्र से हार गए, वहीं उनके दूसरे पड़पौते अर्जुन चौटाला को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के टिकट पर कुरु क्षेत्र लोकसभा सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था. विधानसभा चुनाव में अब चौटाला के बेटे अभय सिंह ऐलनाबाद, उनकी पुत्रवधू नैना चौटाला डबवाली, नैना के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला उचानाकलां और छोटे बेटे दिग्विजय चौटाला जुलना क्षेत्र से चुनाव लड़ने को तैयार हैं.
पहली बार हरियाणा में सत्ता में आई भाजपा ने जब मुख्यमंत्री की कुर्सी मनोहरलाल को सौंपी तो बड़ा आश्चर्य व्यक्त किया गया था कि जाट बहुल प्रदेश में वे कैसे अपनी सरकार चला पाएंगे, लेकिन पांच साल बीतते-बीतते उन्होंने न केवल खुद को मजबूत कर लिया, बल्कि दूसरी पार्टियों के बहुत से पूर्व मंत्रियों और मौजूदा विधायकों को अपने सुरिक्षत भविष्य के लिए भाजपा का दामन थामने के लिए मजबूर भी कर दिया. आने वाले चुनावों में परिणाम किसके पक्ष में जाएंगे, यह 24 अक्तूबर को साफ हो जाएगा.

Web Title: Haryana Assembly elections 2019 bhajanlal devilal bansilal family story

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