हरीता की पूर्व नेता ने आईयूएमएल के राज्य नेतृत्व की आलोचना की
By भाषा | Updated: September 15, 2021 17:51 IST2021-09-15T17:51:39+5:302021-09-15T17:51:39+5:30

हरीता की पूर्व नेता ने आईयूएमएल के राज्य नेतृत्व की आलोचना की
कोझिकोड, 15 सितंबर भारतीय मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के छात्र संगठन एमएसएफ की महिला इकाई ‘हरीता’ की पूर्व नेता ने राज्य नेतृत्व की बुधवार को कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि वह कुछ पुरुष सहकर्मियों के खिलाफ उनकी सच्ची शिकायत को नजर अंदाज कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उनपर साइबर हमला किया जा रहा है और ‘मौखिक व्यभिचार’ का शिकार बनाया जा रहा है।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरीता-मुस्लिम स्टुडेंट्स फेडरेशन की पूर्व अध्यक्षा मुफीदा तस्नी और पूर्व महासचिव नज्मा ताब्शीरा ने कहा कि सभी वरिष्ठ आईयूएमएल नेताओं को मामले की जानकारी दिए जाने के बावजूद वे मामले को रफा-दफा करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के राज्य महासचिव पीएनए सलाम इस मुद्दे पर गलत तथ्य पेश कर रहे हैं।
दोनों महिला नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दो बैठकें बुलाई लेकिन दोनों मौकों पर किसी तार्किक नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका।
तब्शीरा ने आरोप लगाया, ‘‘केरल राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाने के हमारे कदम को आईयूएमएल नेतृत्व अपराध की तरह देख रहा है....हमें लगातार साइबर हमलों का निशाना बनाया जा रहा है। इस मुद्दे पर हमारा चरित्र मर्दन किया जा रहा है और मौखिक व्यभिचार का शिकार बनाया जा रहा है।’’
गौरतलब है कि आईयूएमएल ने हाल में हरीता की राज्य समिति को इसलिए भंग कर दिया था क्योंकि उसने पार्टी नेतृत्व की उस मांग को अस्वीकार कर दिया जिसमें उनसे एमएसएफ के कुछ पुरुष सदस्यों की केरल राज्य महिला आयोग में की गई शिकायत को वापस लेने को कहा गया था। एमएसएफ सदस्यों पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
हरीता-एमएसएफ नेतृत्व की 10 सदस्यों ने एमएसएफ राज्य अध्यक्ष पीके नवस एवं कुछ अन्य के खिलाफ महिला आयोग में शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि यूनियन की राज्य समिति की 24 जून को हुई बैठक में उन्होंने अपमानजनक टिप्पणी की थी और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।
राज्य महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस ने नवस से पूछताछ की और गिरफ्तार किया जिसे हाल में जमानत पर रिहा किया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।