Gyanvapi masjid case: आज फैसले का दिन, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा- 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में

By अनिल शर्मा | Published: September 12, 2022 10:05 AM2022-09-12T10:05:56+5:302022-09-12T10:10:29+5:30

गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए. के. विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गयी है। अदालत ने इस मामले में आदेश को सुरक्षित रख लिया है।

Gyanvapi mosque case judgment Hindu side lawyer said Worship Act of 1991 in our favor | Gyanvapi masjid case: आज फैसले का दिन, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा- 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में

Gyanvapi masjid case: आज फैसले का दिन, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा- 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में

Highlights हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं? जैन ने कहा कि अदालत अगर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव ये होगा कि ये केस आगे बढ़ेगा। फैसले के मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

वाराणसीः हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था। ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर वाराणसी की अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी।

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं? जैन ने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। बकौल विष्णु शंकर जैन- इसलिए आज का दिन महत्वपू्र्ण है क्योंकि हमारे बहस को अगर कोर्ट मानकर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव ये होगा कि ये केस आगे बढ़ेगा। 

हिंदू पक्ष के वकील ने दावा किया कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था। शंकर जैन ने कहा, मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी।

फैसले के मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने रविवार को बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला अदालत द्वारा सोमवार को फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर एहतियाती कदम के तहत वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू करने का निर्देश जारी कर दिया गया है।

गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए. के. विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गयी है। अदालत ने इस मामले में आदेश को सुरक्षित रख लिया है। अदालत सोमवार 12 सितंबर को इस पर आदेश सुनाएगी। दिल्ली की राखी सिंह तथा वाराणसी की निवासी चार महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी देवताओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना का आदेश देने के आग्रह वाली एक याचिका पिछले साल सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल की थी।

Web Title: Gyanvapi mosque case judgment Hindu side lawyer said Worship Act of 1991 in our favor

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