ज्ञानवापी मामले पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर डीयू के प्रोफेसर रतन लाल गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर रिहाई की उठी मांग, थाने के बाहर जुटे छात्र, बहुजन कार्यकर्ता
By अनिल शर्मा | Published: May 21, 2022 07:18 AM2022-05-21T07:18:27+5:302022-05-21T08:18:41+5:30
पुलिस के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए (धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया।
नयी दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग पाए जाने के दावों पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार किए जाने को लेकर बहुजन कार्यकर्ता खासे नाराज हैं। सोशल मीडिया पर उनकी रिहाई की मांग उठ रही है। सूचना के मुताबिक देर रात दिल्ली पुलिस के साइबर सेल थाना, मौरिस नगर के सामने रतन लाल की रिहाई को लेकर बहुजन कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
पुलिस के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए (धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि प्रोफेसर रतन लाल के वकील का कहना है कि जिन धाराओं में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है, वे संज्ञेय अपराध में नहीं आते। उनपर झूठा मुकदमा किया गया है।
बकौल रतन लाल के वकील महमूद प्राचा, प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। FIR में कोई ऐसी बात नहीं है जो संज्ञेय अपराध में आता हो। IPC की धारा 153A और 295A के तहत गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, पुलिस के पास वह शक्ति ही नहीं है, गिरफ्तारी भी SC के फैसले की अवमानना है।
प्रोफेसर रतन लाल के ख़िलाफ़ झूठा मुकदमा दर्ज़ किया गया है। FIR में कोई ऐसी बात नहीं है जो संज्ञेय अपराध में आता हो। IPC की धारा 153A और 295A के तहत गिरफ़्तारी नहीं की जा सकती, पुलिस के पास वह शक्ति ही नहीं है, गिरफ्तारी भी SC के फैसले की अवमानना है: रतन लाल के वकील महमूद प्राचा pic.twitter.com/L7UtVWPFQr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2022
गौरतलब है कि दिल्ली के एक वकील की शिकायत के आधार पर मंगलवार रात रतन लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वकील विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा कि रतन लाल ने हाल ही में ‘शिवलिंग’ पर एक अपमानजनक और उकसाने वाला ट्वीट किया था। वहीं रतन लाल के समर्थकों का कहना है कि अगर उनके पोस्ट से आपत्ति है तो उनसे तर्क करते बहस करते, पुलिसिया कार्रवाई क्यों?
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर लक्ष्मण यादव ने लिखा- प्रोफेसर रतन लाल की बातों से असहमत होने वाले उनसे तर्क करते, लेख लिखते, बहस करते. ये भावना आहत करने का क्या तुक? ये पुलिसिया कार्यवाही क्यों? दिल्ली विश्वविद्यालय के पास दिल्ली पुलिस के साइबर सेल थाना, मौरिस नगर के सामने रतन लाल जी को रिहा करने के लिए लोग जुटने लगे हैं।
प्रोफ़ेसर रतन लाल की बातों से असहमत होने वाले उनसे तर्क करते, लेख लिखते, बहस करते. ये भावना आहत करने का क्या तुक? ये पुलिसिया कार्यवाही क्यों? दिल्ली विश्वविद्यालय के पास दिल्ली पुलिस के साइबर सेल थाना, मौरिस नगर के सामने रतन लाल जी को रिहा करने के लिए लोग जुटने लगे हैं. pic.twitter.com/nB31inAUEE
— Laxman Yadav (@DrLaxman_Yadav) May 20, 2022
मामले पर डीयू के प्रोफेसर व राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई। रतन लाल की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर करते हुए शनिवार ट्वीट किया- देश से बाहर हूँ एक कार्यक्रम में और अभी सूचना मिली कि दिल्ली विश्वविद्यालय के मुद्दों के साथ सामाजिक न्याय के सरोकारों के हमारे प्रिय साथी रतन लाल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस क्या आपको फेहरिस्त भेज दूं कि हमारे साथी के बदले किन्हें जेल होना चाहिए था।
देश से बाहर हूँ एक कार्यक्रम में और अभी सूचना मिली कि दिल्ली विश्वविद्यालय के मुद्दों के साथ सामाजिक न्याय के सरोकारों के हमारे प्रिय साथी @ratanlal72 को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। @DelhiPolice क्या आपको फेहरिस्त भेज दूं कि हमारे साथी के बदले किन्हें जेल होना चाहिए था।
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) May 20, 2022
वहीं पत्रकार दिलीप मंडल ने लोगों से रतन लाल की गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट फैकल्टी में प्रदर्शन करने का आह्वान किया हैं। दिलीप मंडल ने लिखा- प्रोफेसर रतन लाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आधी रात को दिल्ली पुलिस के साइबर थाने पर जमा हुए सैकड़ों दलित एक्टिविस्ट, शिक्षक और छात्र। दिल्ली यूनिवर्सिटी, आर्ट फ़ैकल्टी पर शनिवार सुबह 11 बजे प्रदर्शन।
प्रोफ़ेसर रतन लाल की गिरफ़्तारी के खिलाफ आधी रात को दिल्ली पुलिस के साइबर थाने पर जमा हुए सैकड़ों दलित एक्टिविस्ट, शिक्षक और छात्र। दिल्ली यूनिवर्सिटी, आर्ट फ़ैकल्टी पर शनिवार सुबह 11 बजे प्रदर्शन। #ReleaseDrRatanLalpic.twitter.com/BlqRAYaCFs
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) May 20, 2022
दिलीप मंडल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि रतन लाल ने जो भी कहा व उनकी राय है, उससे भाजपा सरकार असहमत हो सकती है। गिरफ्तारी गलत है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- ज्ञानवापी मस्जिद से जो सामग्री मिली है, उस पर इतिहासकार प्रोफेसर रतनलाल की एक राय है। वे जाने माने विद्वान हैं। बीजेपी सरकार उनसे असहमत हो सकती है लेकिन रात में दिल्ली यूनिवर्सिटी की कोठी से दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार करना गलत है।