ज्ञानवापी विवाद: परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग पर वाराणसी कोर्ट आज सुनाएगी फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2022 07:47 AM2022-10-14T07:47:08+5:302022-10-14T07:52:02+5:30

ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी-सर्वे के दौरान वजूखाने से मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की हिंदू पक्ष की मांग पर वाराणसी की कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने कार्बन डेटिंग से इनकार करते हुए अपनी दलीलें सुनवाई के दौरान रखी थी।

Gyanvapi dispute case, Varanasi court to pronounce verdict on demand for carbon dating | ज्ञानवापी विवाद: परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग पर वाराणसी कोर्ट आज सुनाएगी फैसला

ज्ञानवापी विवाद पर आज बड़ा फैसला (फाइल फोटो)

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी-सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग से जुड़े मामले पर वाराणसी की जिला अदालत आज फैसला सुना सकती है। इससे पहले 11 तारीख को कोर्ट ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 14 अक्टूबर तक सुरक्षित रख लिया था। 

मुस्लिम पक्ष ने कार्बन डेटिंग से किया था इनकार 

ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण को लेकर सात अक्टूबर को हिन्दू पक्ष ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए दावा किया था कि वजूखाने में मिला शिवलिंग उनके वाद का हिस्सा है। हिन्दू पक्ष के स्पष्टीकरण पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना जवाब रखा था। 

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने अदालत से कहा है कि परिसर में मिली आकृति की कार्बन डेटिंग नहीं करायी जा सकती। उन्होंने कहा था, ‘दूसरा, हिन्दू पक्ष तोड़—फोड़ की बात कर रहा है, जिससे आकृति नष्ट हो सकती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे संरक्षित रखने का आदेश दिया है। अगर कार्बन डेटिंग के नाम पर आकृति में तोड़ फोड़ की जाती है तो यह आदेश की अवहेलना होगी।’ 

ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान मिला था 'गोल पत्थर'

सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर पिछली मई में हुई ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक लम्बा और ऊपर से गोल पत्थर मिला था। हिन्दू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है, जबकि मस्जिद इंतजामिया कमेटी का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फौव्वारे का हिस्सा है। 

उसकी दलील है कि मुगलकाल में बनी अनेक अन्य ऐसी मस्जिदें और दीगर इमारतें हैं जिनके वजूखाने में इसी तरह के फौव्वारे लगे हैं। बहरहाल, हिन्दू पक्ष ने जिला अदालत से कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच कराने की मांग की थी, ताकि यह पता लग सके कि वह पत्थर कितना पुराना है।

Web Title: Gyanvapi dispute case, Varanasi court to pronounce verdict on demand for carbon dating

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