Gyanvapi Controversy: मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं, मस्जिद के तहखाने में हिंदूओं की पूजा पर रोक लगाने से किया इनकार

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 2, 2024 02:43 PM2024-02-02T14:43:07+5:302024-02-02T14:49:09+5:30

वाराणसी की विवादित ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली मस्जिद इंतजामिया कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुक्रवार को बेहद तगड़ा झटका लगा है।

Gyanvapi Controversy: No relief to Muslim side from Allahabad High Court, refused to ban worship of Hindus in the basement of the mosque | Gyanvapi Controversy: मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं, मस्जिद के तहखाने में हिंदूओं की पूजा पर रोक लगाने से किया इनकार

फाइल फोटो

Highlightsज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से लगा तगड़ा झटका हाईकोर्ट ने मस्जिद के तहखाने में हिंदूओं की पूजा पर रोक लगाने से किया इनकार वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी

प्रयागराज:वाराणसी की विवादित ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली मस्जिद इंतजामिया कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुक्रवार को बेहद तगड़ा झटका लगा है।

हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद की मस्जिद इंतजामिया कमेटी को 17 जनवरी के आदेश को चुनौती देने के लिए अपनी दलीलों में संशोधन करने के लिए 6 फरवरी तक का समय दिया, जिसके परिणामस्वरूप वाराणसी कोर्ट द्वारा 31 जनवरी का मस्जिद के तहखाने में पूजा का आदेश पारित किया गया था। हाईकोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को करेगा।

हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने कहा कि मस्जिद पक्ष को पहले 17 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती देनी चाहिए। इस आदेश के जरिए जिलाधिकारी वाराणसी को रिसीवर नियुक्त किया गया है और इसके बाद वाराणसी के डीएम ने 23 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर को अपने कब्जे में ले लिया।

इसके बाद जिला न्यायालय ने 31 जनवरी के अंतरिम आदेश से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पुजारी को मस्जिद के तहखाने में पूजा कराने की अनुमति दी। हाईकोर्ट ने मस्जिद इंतजामिया कमेटी के वकील एसएफए नकवी से पूछा कि 17 जनवरी 2024 के मूल आदेश को चुनौती क्यों नहीं दी गई?

इस पर मस्जिद इंतजामिया कमेटी के वकील ने कहा, ''31 जनवरी के आदेश के कारण उन्हें तुरंत आना पड़ा। हम कोर्ट के मूल आदेश को चुनौती देंगे क्योंकि आदेश मिलते ही जिला मजिस्ट्रेट ने रात में ही तैयारी कर ली और नौ घंटे के भीतर पूजा भी करवा ली।"

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अपील की विचारणीयता पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मूल आदेश को चुनौती नहीं दी गयी है। वाराणसी की कोर्ट ने वादी को राहत नहीं दी है। इसका अधिकार मंदिर ट्रस्ट को दिया गया है।

इससे पहले मस्जिद इंतेज़ामिया कमेटी इस विवाद में बीते गुरुवार तड़के सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का सुझाव दिया था।

Web Title: Gyanvapi Controversy: No relief to Muslim side from Allahabad High Court, refused to ban worship of Hindus in the basement of the mosque

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