ज्ञानवापी मामला: वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने के लिए एएसआई को 8 सप्ताह का और समय मिला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 8, 2023 05:27 PM2023-09-08T17:27:49+5:302023-09-08T17:28:59+5:30
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने के लिए आठ और सप्ताह का समय दिया गया है। ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 4 अगस्त को शुरू हुआ था।
नई दिल्ली: वाराणसी जिला अदालत ने शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने के लिए आठ और सप्ताह का समय दिया। एएसआई को शुरू में अपना सर्वेक्षण पूरा करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया था। उस टाइमलाइन के मुताबिक डेडलाइन 2 सितंबर थी। बाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से और समय की मांग की गई थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 4 अगस्त को शुरू हुआ। हाई कोर्ट ने 'वुज़ुखाना' को छोड़कर बाकी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी थी। इस सर्वे की अनुमति इसलिए दी गई है ताकि ये पता लगाया जा सके कि मस्जिद का निर्माण 17 वीं शताब्दी में किया गया था या यह एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना है।
3 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें वाराणसी अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें ASI को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी एएसआई को वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर की "वैज्ञानिक जांच" करने से रोकने से इनकार कर दिया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने एवं सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने के लिए बीते 3 सितंबर को अदालत में अर्जी दायर करके 8 सप्ताह का समय मांगा था। जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश के अवकाश पर होने पर प्रभारी जिला न्यायाधीश एडीजे प्रथम संजीव सिन्हा ने इस मामले पर सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तारीख तय की थी।
बता दें कि परिसर में चल रहे पुरातात्विक सर्वेक्षण का काम को लेकर मुस्लिम पक्ष आपत्ति भी जता चुका है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वेक्षण को लेकर झूठी खबरें प्रसारित किए जाने का आरोप लगाते हुए प्रक्रिया से अलग होने की चेतावनी दी थी। हालांकि तमाम विरोध और नाराजगी के बाद भी सर्वेक्षण का काम जारी है।