बिहार के नए पुलिस मुखिया के नाम की घोषणा, गुप्तेश्वर पांडे बनाए गए DGP
By एस पी सिन्हा | Published: January 31, 2019 07:26 PM2019-01-31T19:26:24+5:302019-01-31T19:26:24+5:30
गुप्तेश्वर पांडे आज ही पदभार संभाल लेंगे. उनके नाम की घोषणा होते ही उन्होंने कहा कि अपराध पर नकेल कसना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए डीजीपी की एक टीम बनाएंगे जिसमें सारे सीनियर आईपीएस अधिकारी रहेंगे.
बिहार पुलिस के नए मुखिया के नाम की घोषणा कर दी गई है. गृह विभाग की जारी अधिसूचना के अनुसार गुप्तेश्वर पांडे को बिहार का नया डीजीपी बनाया गया है. वे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल डीजी ट्रेनिंग के पद पर हैं. बता दें कि बिहार के वर्तमान पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी आज ही सेवानिवृत हो गये.
गुप्तेश्वर पांडे आज शाम ही पदभार संभाल लेंगे. उनके नाम की घोषणा होते ही उन्होंने कहा कि अपराध पर नकेल कसना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए डीजीपी की एक टीम बनाएंगे जिसमें सारे सीनियर आईपीएस अधिकारी रहेंगे.
उन्होंने कहा कि काम में कोताही बरतने वाले पुलिस नपेंगे और इसमें कोताही कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा. कहा जाता है कि गुप्तेश्वर पांडे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र हैं इसलिए उन्हें बिहार पुलिस की कमान सौंपी गई है.
हालांकि, गुप्तेश्वर पांडे की राह आसान नहीं है. बिहार में हर बेखौफ अपराधी रोज नए-नए कांड कर रहे हैं और इसपर लगाम लगाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है. ऐसे में बिहार पुलिस के मुखिया के सामने कई चुनौतियां हैं. पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मूल रूप से बिहार के ही बक्सर के रहने वाले हैं. उन्हें 31 साल की पुलिसिंग का अनुभव है. वह बिहार में स्मार्ट पुलिसिंग का जाना पहचाना चेहरा हैं.
गुप्तेश्वर पांडेय बिहार में पुलिस के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. पांडेय हाल के दिनों में नशामुक्ति अभियान को लेकर खास तौर से चर्चा में हैं. वह बिहार के कोने-कोने में घूमकर लोगों को नशामुक्ति के खिलाफ प्रेरित कर रहे हैं. वह फरवरी 2021 में अवकाश ग्रहण करेंगे.
ऐसे में यह माना जा रहा कि बिहार में लोकसभा के साथ विधान सभा चुनाव भी इन्हीं की देखरेख में संपन्न होगा. कहा जा रहा है कि सरकार ने उनके पूर्व के अनुभवों को देखते हुए यह जिम्मा सौंपा है. ऐसे कई मौके जब बिहार सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसता दिख रहा था गुप्तेश्वर ने बिहार को उस मौके से निकाला है. हाल हीं में उन्हें बिहार में शराबबंदी के प्रचार की भी कमान मिली थी.