बीजेपी सांसद की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर संजय राउत ने किया पलटवार, कहा- गुजरात से करें शुरुआत, क्योंकि वहां स्थिति ज्यादा खराब
By सुमित राय | Published: May 26, 2020 04:04 PM2020-05-26T16:04:20+5:302020-05-26T16:13:23+5:30
शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा सांसद नारायण राणे के महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर पलटवार किया है और गुजरात में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात की है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और राज्य में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 52667 हो गई है। हालांकि कोरोना कहर के बीच महाराष्ट्र में सियासी हमले भी जारी हैं। भाजपा सांसद नारायण राणे के महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर शिवसेना नेता संजय राउत ने पलटवार किया है और गुजरात में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात की है।
बता दें कि राज्य सभा सांसद नारायण राणे ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी और महाराष्ट्र में वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने में शिवसेना नीत राज्य सरकार की 'विफलता' के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "अगर आप कोविड-19 संकट पर गुजरात उच्च न्यायालय की गुण-दोष व्याख्या देखें तो राज्यों का कार्य प्रदर्शन महाराष्ट्र की तुलना में बुरा है। अगर राष्ट्रपति शासन लगाना ही है तो केंद्र को गुजरात के साथ शुरू करना चाहिए।"
महाराष्ट्र में 52 हजार तो गुजरात में आए हैं 14 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 52667 मामले सामने आए हैं और 1695 लोगों की मौत हुई है, जबकि गुजरात में 14460 मामले सामने आए हैं और 888 लोग इस महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। महाराष्ट्र में 15786 लोग ठीक हुए हैं, जबकि गुजरात में अब तक 6636 लोग कोरोना की जंग जीत चुके हैं।
राउत ने महाराष्ट्र सरकार की अस्थिरता की अटकलों को किया खारिज
इसके साथ ही संजय राउत ने महाराष्ट्र की गठबंधन (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) की अस्थिरता को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज किया। उन्होंने बिना नाम लिए कहा, "यह बेहतर होगा कि विपक्ष को पृथक-वास में रखा जाए। महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की उनकी कोशिशें उलटी पड़ सकती हैं। विपक्ष को इस सरकार को गिराने के लिए अब भी फॉर्मूला तलाश करने की जरूरत है।"
शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद लगाई जाने लगी अटकलें
बता दें कि शरद पवार ने सोमवार शाम को उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में मुलाकात की थी। उद्धव ठाकरे से मुलाकात के कुछ घंट पहले एनसीपी सुप्रीमो ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद उद्धव सरकार को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
शरद पवार ने कहा कोरोना से लड़ाई पर की थी उद्धव ठाकरे से चर्चा
हालांकि बाद में शरद पवार ने साफ किया और बताया कि आखिर इस मुलाकात का एजेंडा क्या था? उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, "हम सभी दल उद्धव सरकार के साथ हैं। मेरी मुलाकात का मुख्य उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर कुछ सुझाव देना था। उद्धव सरकार के ऊपर कोई संकट नहीं है।"
उन्होंने बताया कि मुलाकात के दौरान मैंने कोरोना से लड़ाई के बारे में अपना फीडबैक देने के साथ ही इसको रोकने की तैयारी को लेकर चर्चा की। इसके अलावा हमने लॉकडाउन छूट के बारे में भी चर्चा की। कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ की राय के आधार पर आगे की योजना बनाने की बात हुई।
राज्यपाल से भी मुलाकात पर शरद पवार ने दी थी सफाई
राज्यपाल से मुलाकात पर शरद पवार ने कहा था, "राज्यपाल से मेरी मुलाकात पूरी तरह से शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें उस समय से जानता हूं, जब वह उत्तराखंड के सीएम थे। मेरी मुलाकात बस शिष्टाचार मुलाकात थी। सरकार के उपर कोई संकट नहीं है।