गुजरात: लॉकडाउन के चलते द्वारका में फंसा रूसी परिवार, कहा-अभी नहीं जाऊंगा अपने देश
By भाषा | Updated: April 30, 2020 15:15 IST2020-04-30T15:15:35+5:302020-04-30T15:15:35+5:30
महाराष्ट्र के बाद देश में गुजरात कोरोना वायरस से सबसे प्रभावित राज्य है. हालांकि द्वारका में कोरोना वायरस का एक भी केस नहीं मिला है.

लोकमत फाइल फोटो
द्वारका: एक रूसी परिवार के तीन लोग पिछले महीने लागू हुए लॉकडाउन की वजह से गुजरात के द्वारका में फंसे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वे मंदिर नगरी में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं जहां अब तक कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस परिवार में तीन लोग-पति-पत्नी और उनका तीन साल का बेटा है। इन लोगों का कहना है कि वे चीजों के सामान्य होने पर ही अपने देश लौटेंगे।
परिवार के पुरुष सदस्य ज्युजिन विताली ने कहा कि उनकी पत्नी गर्भवती है और वे देखभाल एवं मदद के लिए स्थानीय प्रशासन के आभारी हैं। सरकारी विज्ञप्ति में विताली के हवाले से कहा गया, ‘‘क्योंकि मेरी पत्नी गर्भवती है, स्थानीय प्रशासन ने हमारे भोजन और चिकित्सा जांच के प्रबंध किए हैं। हम यहां सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और चीजों के सामान्य होने पर ही वापस जाना चाहेंगे। लॉकडाउन के बीच हमारा ध्यान रखने के लिए हम सरकार का धन्यवाद व्यक्त करते हैं।’’
गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में कोरोना वायरस का अब तक कोई मामला नहीं है। स्थानीय राजस्व अधिकारी विवेक भरत ने कहा कि विताली, उनकी पत्नी गैलिना और पुत्र स्विआतोस्लाव द्वारका में प्रसन्न हैं और वर्तमान स्थिति में अपने देश वापस नहीं जाना चाहते। यह परिवार टूरिस्ट वीजा पर पिछले साल 13 अक्टूबर को भारत आया था और मार्च के पहले सप्ताह में द्वारका पहुंचने से पहले उसने भारत के कई तीर्थ और पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया। भरत ने कहा कि इस परिवार को द्वारका से 26 मार्च को रवाना होना था और एक अप्रैल को दिल्ली से रूस के लिए उड़ान पकड़नी थी, लेकिन लॉकडाउन लागू होने से वह यहां फंस गया।
एक स्थानीय ट्रैवल एजेंट ने इस परिवार को रहने के लिए अपने मकान की पहली मंजिल उपलब्ध करा दी। उन्होंने कहा, ‘‘परिवार रूसी दूतावास के भी संपर्क में है और हम भी इन लोगों की रोजाना की जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं।’’ परिवार की महिला सदस्य छह माह की गर्भवती है। अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली और रूस में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए परिवार के सदस्यों ने हमसे कहा है कि यदि दूतावास उनकी वापसी के लिए विशेष उड़ान का इंतजाम कर दे, वे तब भी वर्तमान स्थिति में द्वारका नहीं छोड़ेंगे।’’