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गुजरात दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट देखना चाहते हैं

By विशाल कुमार | Updated: October 27, 2021 07:30 IST

जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने जकिया जाफरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि हम मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकृत क्लोजर रिपोर्ट देखना चाहते हैं. इसके कारण होंगे.

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ठळक मुद्देएसआईटी ने 2002 के गोधरा दंगों की जांच की थी.गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट मिली थी.

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अहमदाबाद में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट को देखना चाहता है, जिसने 2002 के गोधरा दंगों की जांच की, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट दे दी.

जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने जकिया जाफरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि हम मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकृत क्लोजर रिपोर्ट देखना चाहते हैं. इसके कारण होंगे.

जाफरी 2002 के गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं.

जाफरी ने क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने के मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने वाले 5 अक्टूबर, 2017 के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.

सिब्बल ने पीठ को बताया कि एसआईटी और अदालतों ने जाफरी की शिकायतों और अन्य प्रासंगिक तथ्यों को नहीं देखा. उन्होंने कहा कि जाफरी की शिकायत गुलबर्ग सोसाइटी की हिंसा तक सीमित नहीं थी जिसमें उनके पति की हत्या हुई थी, और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने (आईपीएस अधिकारी) संजीव भट्ट आदि जैसे सबूतों को अनदेखा किया था.

सिब्बल ने कहा कि हमारा मामला है कि खेल में एक बड़ी साजिश थी, जहां नौकरशाही की निष्क्रियता, पुलिस की मिलीभगत, हेट स्पीच और हिंसा की साजिश रची गई थी. लेकिन 'मजिस्ट्रेट कहते हैं कि मैं और कुछ नहीं देख सकता क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मुझे केवल गुलबर्ग सोसाइटी मामले को देखने के लिए कहा है.'

सिब्बल ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ जाफरी की विरोध याचिका पर विचार नहीं किया. उन्होंने कहा कि एसआईटी ने भी अपनी रिपोर्ट में खुद को गुलबर्ग सोसाइटी की घटना तक सीमित नहीं रखा है. उन्होंने कहा कि एसआईटी के समक्ष गवाहों के बयान पूरे राज्य के संबंध में थे.

पीठ ने कहा कि आखिरकार रिपोर्ट अपराध के संदर्भ में है. अपराध जिसके संबंध में संज्ञान लिया गया था या लिया जाना है.

टॅग्स :गुजरातनरेंद्र मोदीसुप्रीम कोर्ट
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