कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां की एक अदालत में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को खुद को निर्दोष बताया और इसके बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
इस बैंक के निदेशकों में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं जबकि इसके चेयरमैन अजय पटेल हैं। बैंक ने गांधी के खिलाफ मानहानि मामला इसलिए दायर किया क्योंकि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बैंक ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन के अंदर 750 करोड़ रुपये के प्रचलन से बाहर हुए नोटों को वैध नोटों से बदला था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एन बी मुंशी ने शुक्रवार को गांधी से पूछा कि क्या वह आरोप स्वीकार करते हैं, इस पर गांधी ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। इसके बाद उनके वकील ने जमानत का आवेदन दिया जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
गांधी ने पिछले साल ट्वीट किया था, ‘‘अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को पुराने (नोटबंदी में प्रचलन से बाहर हुए) नोटों को नये नोटों से बदलने में आपके बैंक के पहले स्थान पर रहने पर बधाई। पांच दिन में 750 करोड़ रुपये। लाखों भारतीय जिनकी जिंदगी नोटबंदी से तबाह हो गई, वे आपकी उपलब्धि को सलाम करते हैं।’’ इससे पहले शुक्रवार को, देश के कई भागों में कई मानहानि मामलों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आरएसएस और भाजपा के खिलाफ उनकी वैचारिक लड़ाई जनता के समक्ष ले जाने का अवसर देने के लिए आरएसएस-भाजपा के अपने विरोधियों को धन्यवाद देना चाहते हैं।
मुंबई, पटना के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज यानी शुक्रवार को अहमदाबाद की स्थानीय कोर्ट में पेश हुए थे। इससे पहले मानहानि केस के इस मामले में कोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई की थी और तब कोर्ट ने राहुल गांधी को 27 मई को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन राहुल गांधी ने कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें अधिक समय दिया जाए। इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था और राहुल गांधी को 12 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था।
इससे पहले, मानहानि के दो अन्य मामलों में राहुल गांधी को जमानत मिल चुकी है। राहुल गांधी को पटना के एक सिविल कोर्ट से जमानत मिली थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि के मामले में छह जुलाई को पटना सिविल कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्हें जमानत मिल गई थी. 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर राहुल गांधी को जमानत मिली थी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
इसी तरह मुंबई की एक अदालत ने राहुल गांधी को आरएसएस के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि मामले में 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में कहा कि वह दोषी नहीं हैं।