गुजरात में भाजपा को झटका, भरूच सांसद मनसुख वसावा ने दिया इस्तीफा, लिखा-कृपया मुझे माफ कर दीजिए
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 29, 2020 19:21 IST2020-12-29T16:03:59+5:302020-12-29T19:21:37+5:30
गुजरात भाजपा में हड़कंप मच गया है। भरूच से छह बार सांसद रहे और आदिवासी नेता मनसुख वसावा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वासवा का इस्तीफा देने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

संसद के बजट सत्र में लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे। (file photo)
भरूचः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गुजरात में बड़ा झटका लगा है। गुजरात भाजपा के सांसद और आदिवासी मुद्दों पर मुखर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख वसावा ने मंगलवार को पार्टी छोड़ दी।
वह संसद के बजट सत्र में लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र घोषित करते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को वापस लेने की मांग की थी।
वसावा ने अपने त्याग पत्र में कहा कि बीजेपी ने मुझे जितना सम्भाला है, उससे ज्यादा मुझे दिया है। जिसके लिए मैं पार्टी और पार्टी के केंद्रीय नेताओं को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं पार्टी के प्रति उतना ही निष्ठावान रहा हूं जितना कि मैं हो सकता हूं। पार्टी मूल्यों, जीवन मूल्यों को भी ध्यान से लागू किया जाता है।
इस्तीफा दे दिया, ताकि मेरी गलती से पार्टी को नुकसान न हो
“आखिरकार, मैं भी एक इंसान हूँ और गलतियाँ अनजाने में होती हैं। मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, ताकि मेरी गलती से पार्टी को नुकसान न हो। जिसके लिए पार्टी मुझे माफ करती है। मैं बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से भी मिलूंगा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा।
भरूच से छह बार सांसद रहे वसावा ने गुजरात भाजपा अध्यक्ष आर सी पाटिल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि मेरी गलतियों के कारण पार्टी की छवि खराब न हो। मैं पार्टी का वफादार कार्यकर्ता रहा हूं, इसलिए कृपया मुझे माफ कर दीजिए।’’
वसावा ने 28 दिसंबर को पाटिल को लिखे पत्र में कहा कि वह संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भरूच से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने कहा कि उन्होंने पार्टी का वफादार बने रहने और पार्टी के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की पूरी कोशिश की।
भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा कि पार्टी को सोशल मीडिया के जरिए इस्तीफा मिला। पंड्या ने कहा, ‘‘पाटिल ने उनसे बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। वसावा गुजरात में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद हैं और हम उनकी सभी समस्याओं को सुलझाएंगे।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी
वसावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर मांग की थी कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नर्मदा जिले के 121 गांवों को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने संबंधी अधिसूचना वापस ली जाए।
मुख्य मुद्दा पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र का है जिन्हें केंद्र ने भूखंड के कुछ हिस्सों पर घोषित किया है। ऐसा जान पड़ता है कि जिलाधिकारी द्वारा कुछ जमीनों के बारे में कुछ प्रविष्टियां कीं तब से कुछ लेाग इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों को गुमराह कर रहे हैं । सघन अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर नाराज वसावा ने पिछले साल नौकरशाही पर यह कहते हुए अपनी नाराजगी उतारी थी कि वातानुकूलित घरों में रहने वाले इन लोगों को गरीबों का दर्द मालूम नहीं है।

