गुजरात: हार्दिक पटेल को मिली बड़ी राहत, अदालत ने पांच साल पुराने मामले में किया बरी

By अंजली चौहान | Published: February 10, 2023 06:23 PM2023-02-10T18:23:32+5:302023-02-10T18:24:35+5:30

इस कार्यक्रम की अनुमति अंकित घड़िया ने कार्यकारी मजिस्ट्रेट से ली थी। नियम के उल्लघंन के चलते दोनों पर गुजरात पुलिस अधिनियम की धारा 36(ए), 72(2) और 134 के तहत दर्ज किया गया था, जो सरकारी आदेशों की अवहेलना करने शिकायत दर्ज कराई गई थी। 

Gujarat Big relief to Hardik Patel court acquits him in five year old case | गुजरात: हार्दिक पटेल को मिली बड़ी राहत, अदालत ने पांच साल पुराने मामले में किया बरी

फाइल फोटो

Highlightsहार्दिक पटेल का पांच साल पुराने मामले में कोर्ट से मिली राहत हार्दिक पटेल को गुजरात कोर्ट ने सभी आरोपों से किया बरीपटेल पर गुजरात में दो राजद्रोह के मामलों सहित दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। 

अहमदाबाद: गुजरात में पाटीदार समुदाय का मुख्य चेहरा और भाजपा के विधायक हार्दिक पटेल को शुक्रवार को गुजरात की एक अदालत ने बड़ी राहत दी है। भाजपा विधायक को पांच साल पुराने मामले में बरी कर दिया है क्योंकि अभियोजन पक्ष मामले में आरोप साबित करने में विफल रहा। 

हार्दिक पटेल में पाटीदार नेता रहते हुए एक आयोजन में अधिकारियों द्वारा निर्धारित शर्तों के उल्लघंन में एक सभा में राजनीतिक भाषण देने का आरोप लगाया गया था। 
मामले में जामनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष नंदनी ने हार्दिक पटेल और अंकित घड़िया को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा शिकायतकर्ता को सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी है, उन्हें शिकायत के सभी विवरणों की जानकारी नहीं थी। 

4 नवंबर, 20217 का मामला 

जामनगर 'ए' डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, हार्दिक पटेल, जिन्होंने तह पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के बैनर तले पाटीदार कोटा आंदोलन की अगुवाई की थी। उस समय उन्होंने कथित तौर पर एक रैली में राजनीतिक भाषण दिया था। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में एक महीने पहले 4 नवंबर, 2017 को जामनगर जिले के धूतरपुर गांव में उन्हें इस आधार पर अनुमति दी गई थी कि वह शिक्षा और सामाजिक सुधारों के बारे में जनता को संबोधित करेंगे लेकिन उन्होंने राजनीतिक बयान दे डाला, जिसके कारण उन पर केस हो गया था। 

इस कार्यक्रम की अनुमति अंकित घड़िया ने कार्यकारी मजिस्ट्रेट से ली थी। नियम के उल्लघंन के चलते दोनों पर गुजरात पुलिस अधिनियम की धारा 36(ए), 72(2) और 134 के तहत दर्ज किया गया था, जो सरकारी आदेशों की अवहेलना करने शिकायत दर्ज कराई गई थी। 

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष यह बताने में विफल रहा कि घटना के लगभग 70 दिनों के बाद प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई और पटेल के भाषण के वीडियो फुटेज की मांग की, मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि न केवल 'पंच' (गवाह) बल्कि मामले के शिकायतकर्ता किरीट संघवी को भी भाषण की सामग्री के बारे में पता नहीं था। 

बता दें कि हार्दिक पटेल ने दिसंबर 2022 के गुजरात चुनावों से पहले कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और बाद में अहमदाबाद के वीरमगाम निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ककर विजेता हुए। पटेल पर गुजरात में दो राजद्रोह के मामलों सहित दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। 

Web Title: Gujarat Big relief to Hardik Patel court acquits him in five year old case

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