गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: क्या कोई प्रभाव डाल पाएंगे ओवैसी गुजरात में?
By शरद गुप्ता | Published: December 2, 2022 07:06 PM2022-12-02T19:06:49+5:302022-12-02T19:06:49+5:30
इस बार एआईएमआईएम विधानसभा की 182 में से केवल 13 सीटों पर लड़ रही है, लेकिन अन्य विपक्षी दलों के लिए उसे पर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाने के लिए इतना ही बहुत है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 20 वर्ष पहले हुए गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को सबक सिखा देने का जिक्र कर राज्य विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) को प्रासंगिक बना दिया है।
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने पिछले वर्ष हुए राज्य के नगर निगम चुनावों में 23 सीटें जीतकर उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस बार वह विधानसभा की 182 में से केवल 13 सीटों पर लड़ रही है, लेकिन अन्य विपक्षी दलों के लिए उसे पर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाने के लिए इतना ही बहुत है।
कांग्रेस नेता खुलकर कह रहे हैं कि एआईएमआईएम ने अपने उम्मीदवार उन्हीं सीटों पर उतारे हैं जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। इससे गैर-भाजपा वोट बंटने से बीजेपी के उम्मीदवार को मदद मिलेगी, हालांकि उसे एक भी सीट जीतना मुश्किल होगा।
ओवैसी पलटवार करते हैं - पिछले 27 साल से कांग्रेस एक बार भी गुजरात में भाजपा को नहीं हरा पाई है। तब तो मेरी पार्टी यहां चुनाव नहीं लड़ रही थी। अपनी कमजोरी छुपाने के लिए वह हम पर आरोप लगा रहे हैं। अमित शाह के सबक सिखाने वाले बयान पर भी वह पलट कर पूछते हैं - वह किस सबक की बात कर रहे हैं? नरोदा पाटिया, गुलबर्ग सोसाइटी, बेस्ट बेकरी या बिल्कीस बानो का सबक? इन सभी स्थानों पर हुए दंगों में मुसलमान बड़ी संख्या में मारे गए थे. बिल्कीस बानो के सामने उनके पति और बेटी की हत्या कर दी गई थी और उनके साथ बलात्कार किया गया। सरकार ने बिल्कीस बानो केस में सजा काट रहे 10 लोगों को अच्छे आचरण के आधार पर चुनाव से ठीक पहले रिहा कर दिया।
लेकिन अब एआईएमआईएम के अंदर से ही ओवैसी की रणनीति का विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के नेता अपने ही नेता को हरा कमल या छुपा कमल कहकर बुला रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी को भाजपा के गढ़ में जाकर मुकाबला करना था ना कि कांग्रेस के गढ़ में घुसकर उसके वोटों का बंटवारा करना। एक नेता ने कहा - ना हमारे पास संसाधन है और ना ही कार्यकर्ता। बस हम धार्मिक आधार पर अपील कर गैर-भाजपा वोटों को बांटना चाहते हैं।
यहां हैं एआईएमआईएम उम्मीदवार
ओवैसी ने मुसलमानों की अच्छी आबादी वाली कच्छ की 3 सीटों मांडवी, मुंद्रा और भुज के अलावा सौराष्ट्र की मंगरोल, लिंबायत और सूरत पूर्व, अहमदाबाद जिले की दानिलमडा, जमखंभालिया मध्य गुजरात की गोधरा, दरियापुर, बापुनगर, जमालपुर खादिया और उत्तर गुजरात की सिद्धपुर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।