नई दिल्लीः दिल्ली और अहमदाबाद के बीच आजकल सबसे अधिक हवाई यात्राएं करने वाले शख्स हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. आखिर दिल्ली में नगर निगम के चुनाव की कमान वे संभाल रहे हैं और गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव की भी.
जब 4 नवंबर को दिल्ली नगर निगम के चुनाव की घोषणा हुई तो आम आदमी पार्टी का आरोप था कि जानबूझकर ये चुनाव गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ कराए जा रहे हैं जिससे आम आदमी पार्टी की ताकत को दोनों जगह बांटा जा सके. दिल्ली में मतदान 4 दिसंबर को होगा तो गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को. दोनों जगह आप का सीधा मुकाबला भाजपा से है.
लेकिन केजरीवाल संभवत इसके लिए पहले से तैयार थे. न सिर्फ उन्होंने दोनों चुनाव के लिए अलग-अलग टीमें बना दी बल्कि खुद भी मिशन मोड में काम में जुट गए. आठ नवंबर को वे गुजरात से दिल्ली आए और अगले ही दिन नगर निगम के चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर दिया. 11 नवंबर को पार्टी के राजनीतिक मामलों की बैठक बुलाकर 252 में से 134 वार्ड के उम्मीदवार घोषित कर दिए.
उन्होंने बचे हुए उम्मीदवारों की घोषणा अगले दिन कर दी और एक बार फिर गुजरात चुनाव में जुट गए. गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में उसकी सरकारों द्वारा चलाई जा रही मुफ्त बिजली पानी शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं की तुलना भाजपा के गुजरात मॉडल से कर रही है. उसका दावा है कि गुजरात में यदि उसकी सरकार बनी तो वहां भी मुफ्त बिजली पानी देगी.
यह है गुजरात की टीम
गुजरात में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार की रणनीति पिछले 2 वर्षों से दिल्ली के वरिष्ठ विधायक गुलाब सिंह के हाथ में है. साथ ही पार्टी के तीन-तीन राज्यसभा सदस्य - संजय सिंह, राघव चड्ढा और संदीप पाठक गुजरात चुनाव में प्रचार कर रहे हैं. चड्ढा चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं तो पाठक ऑक्सफोर्ड और एमआईटी में रिसर्च एसोसिएट और आईआईटी दिल्ली में असिस्टेंट प्रोफेसर रहे हैं. इनके अलावा अरविंद केजरीवाल के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पार्टी के सबसे बड़े प्रचारक हैं.
...और यह है दिल्ली की टीम
उधर दिल्ली नगर निगम के लिए केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय और विधायक दुर्गेश पाठक को प्रभारी बनाया है. उनके साथ पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज और वरिष्ठ नेता आतिशी मारलेना व आदिल अहमद खान नगर निगम के चुनाव के लिए बनाई गई कोर टीम के सदस्य हैं. साथ में दिल्ली के सभी विधायक अपने क्षेत्र के सभी वार्डों की जिम्मेदारी लेकर प्रचार में जुटे हैं
कूड़ा बनाम यमुना
आपका कहना है कि पिछले 8 वर्षों .से केंद्र में भाजपा सरकार है और पिछले 15 वर्षों से दिल्ली नगर निगम पर भाजपा का कब्जा है. लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम ने कोई काम नहीं किया और कूड़े के तीन तीन पहाड़ बन गए हैं. भाजपा दूसरी ओर आप को तीन तीन बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी यमुना की सफाई न कराने को लेकर घेर रही है जबकि हर चुनाव में यह उसके घोषणापत्र का एक प्रमुख मुद्दा होता है.