कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने व छुट्टी देने के लिए दिशा निर्देश जारी

By भाषा | Published: April 29, 2021 08:16 PM2021-04-29T20:16:03+5:302021-04-29T20:16:03+5:30

Guidelines issued for recruitment and discharge of corona infected patients | कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने व छुट्टी देने के लिए दिशा निर्देश जारी

कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने व छुट्टी देने के लिए दिशा निर्देश जारी

जयपुर, 29 अप्रैल चिकित्सा विभाग ने राज्य में उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने और उन्हें छुट्टी देने के संबंध में प्रदेश के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने इस संबंध में वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों से विचार विमर्श कर राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के प्रभारियों और अधीक्षकों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डा. सुधीर भंडारी ने बताया कि हल्के लक्षण या लक्षण रहित कोरोना के रोगियों का घर पर ही उपचार सम्भव है। इन रोगियों की समय-समय पर घर पर रक्त में ऑक्सीजन स्तर की जांच पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मध्यम या गम्भीर लक्षण वाले रोगियों में यदि ऑक्सीजन लेवल सही है (90 प्रतिशत से अधिक) तो उनकी भी समय-समय पर घर पर ही मॉनीटरिंग की जाए। स्थिति में बदलाव या स्थिति गम्भीर होने पर तुरन्त चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराया जाए।

डा. भंडारी ने बताया कि श्वास लेने में तकलीफ होने, सीने में दर्द, चक्कर आने, मानसिक स्थिति में बदलाव आने की स्थिति में तुरंत रोगी का चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराया जाए।

उन्होंने बताया कि मध्यम या गम्भीर लक्षण होने, श्वास लेने में अत्यधिक परेशानी होने, या पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा मापने पर ऑक्सीजन लेवल निरन्तर कम होने या मानसिक स्थिति में बदलाव, रक्तचाप में कमी के संकेत व लक्षण, सीने में दर्द (हृदयघात के लक्षण), खून में थक्के जमने की संभावना या इंफ्लेमेटरी मारकर्स में अत्यधिक वृद्धि होने पर रोगियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया जाए।

उन्‍‍‍‍‍‍‍‍होंने कहा कि मरीज की क्लीनिकल स्थिति, ऑक्सीजन लेवल एवं इंफ्लेमेटरी मारकर्स के आधार पर पिछले 48 घंटे में रोगी की स्थिति स्थिर रहने और बीमारी नहीं बढ़ने के लक्षण हो। रोगी का कमरे की हवा में श्वास लेते हुए ऑक्सीजन लेवल निरन्तर 90 प्रतिशत से अधिक हो या घर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में सक्षम हो या रोगी की अन्य बीमारियों में जैसे मानसिक स्थिति में बदलाव, रक्तचाप में कमी, सीने में दर्द, खून के थक्के जमने व इंफ्लेमेटरी मारकर्स में वृद्धि इत्यादि में सुधार हो तो ऐसे मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है ।

उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों को कोरोना की आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट डिस्चार्ज के लिए आवश्यक नहीं है।

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Web Title: Guidelines issued for recruitment and discharge of corona infected patients

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