इंदिरा जयसिंह बनाम CBI छापेमारी: 20 से ज्यादा विपक्षी सांसदों का PM मोदी को पत्र, कहा-धमकाने की कार्रवाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 12, 2019 09:30 AM2019-07-12T09:30:31+5:302019-07-12T09:30:31+5:30
सीबीआई की कार्रवाई पर नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विपक्षी सांसदों के एक बयान में इस कार्रवाई को जयसिंह और ग्रोवर को ‘‘धमकाने और प्रताड़ित करने की सूची में ताजा कदम’’ बताया गया। इस पत्र पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, भाकपा और माकपा के सांसदों ने हस्ताक्षर किये।
पूर्व अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल इंदिरा जयसिंह ने अपने और अपने पति आनंद ग्रोवर के कार्यालयों एवं आवास पर सीबीआई की छापेमारी पर कहा कि मानवाधिकारों के लिए काम करने को लेकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। सीबीआई प्रख्यात वकील इंदिरा जयसिंह के आवास और उनके पति आनंद ग्रोवर के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के कार्यालयों पर गुरुवार को छापेमारी की। एजेंसी ने विदेश सहायता प्राप्त करने के मामले में ग्रोवर के खिलाफ एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है।
अधिकारियों ने बताया कि जयसिंह के निजामुद्दीन स्थित आवास और कार्यालय, एनजीओ के जंगपुरा कार्यालय और मुम्बई स्थित एक कार्यालय में सुबह पांच बजे से छापेमारी जारी है। जयसिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ ग्रोवर और मुझे उन कामों के लिए निशाना बनाया जा रहा है, जो हमने वर्षों से मानवाधिकार के लिए किए हैं। ’’ एजेंसी ने गृह मंत्रालय (एमएचए) की शिकायत के आधार पर ग्रोवर और एनजीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
मंत्रालय ने आरोप लगाया गया था कि समूह द्वारा प्राप्त विदेशी सहायता के इस्तेमाल में कई कथित विसंगतियां हैं। पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह का नाम प्राथमिकी में आरोपियों की सूची में नहीं है लेकिन मंत्रालय की शिकायत में उनकी कथित भूमिका का जिक्र है। सीबीआई ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के अध्यक्ष ग्रोवर, संगठन के कई पदाधिकारियों के अलावा कई अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई छापेमारी की कड़ी प्रतिक्रिया
सीबीआई की कार्रवाई पर नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विपक्षी सांसदों के एक बयान में इस कार्रवाई को जयसिंह और ग्रोवर को ‘‘धमकाने और प्रताड़ित करने की सूची में ताजा कदम’’ बताया गया। इस पत्र पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, भाकपा और माकपा के 20 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर किये।
उच्चतम न्यायालय के चर्चित वकील प्रशांत भूषण ने छापेमारी की आलोचना करते हुए इसे दुश्मनी निकालने के लिए उठाया गया कदम करार दिया। गैर सरकारी संगठन ‘हयूमन राइट्स डिफेंडर्स अलर्ट-इंडिया’ ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह वकील दंपति और अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को डराने का प्रयास है।
सरकार की मंशा पर सवाल
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने सरकार पर पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुये कहा कि सीबीआई की छापेमारी के दायरे में वरिष्ठ वकीलों का आना सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है।
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘इस मामले में कानून अपने तरीके से काम करेगा, लेकिन ख्याति प्राप्त-सम्मानित वकीलों को सरकार द्वारा अपनी जांच एजेंसियों के माध्यम से निशाना बनाये जाने से उसकी मंशा पर गंभीर सवाल उठते है।’’