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कुमारस्वामी की सरकार गिरने पर राहुल गांधी बोले- लालची जीते गये और लोकतंत्र और ईमानदारी हारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 23, 2019 23:43 IST

कर्नाटक में कांग्रेस जद एस गठबंधन सरकार गिरी: कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा है, मैं फिर से कहना चाहूंगा कि जो लोग 'ऑपरेशन कमल' में शामिल हुए हैं, उन्हें दोबारा हमारी पार्टी में कभी शामिल नहीं किया जाएगा। चाहे आसमान ही क्यों ना गिर पड़े।

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ठळक मुद्देचार दिनों तक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद कुमारस्वामी ने कहा,‘‘मैं खुशी से इस पद का बलिदान करने को तैयार हूं।’’कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव एचडी कुमारस्वामी ने पेश की थी। विश्वास मत के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विरोध में 105 वोट पड़े।

कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने में विफल रहने के बाद गिर गयी । इसी के साथ राज्य में 14 महीने से अस्थिरता के दौर का सामना कर रहे मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी का कार्यकाल खत्म हो गया। कुमारस्वामी की सरकार गिरने पर राहुल गांधी ने कहा है कि लालची लोग जीत गये और लोकतंत्र और ईमानदारी हार गई है। 

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार अपने पहले दिन से ही निहित स्वार्थी लोगों के टारगेट पर था। ये गठबंधन विपक्षी पार्टियों को एक खतरा लगा इसलिए वो सत्ता और उनके रास्ते में बाधा बन कर आ गये। आज उनका लालच और लालची लोग जीत गये हैं। लोकतंत्र, ईमानदारी और कर्नाटक के लोग हार गए हैं। 

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा है, मैं फिर से कहना चाहूंगा कि जो लोग 'ऑपरेशन कमल' में शामिल हुए हैं, उन्हें दोबारा हमारी पार्टी में कभी शामिल नहीं किया जाएगा। चाहे आसमान ही क्यों ना गिर पड़े।

कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव हारने के तुरंत बाद राज्यपाल वजूभाई वाला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अधिकारियों ने बताया कि परिणाम के तुरंत बाद कुमारस्वामी, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और अन्य वरिष्ठ सहयोगियों के साथ राजभवन गए और इस्तीफा सौंप दिया। त्यागपत्र में कहा गया, ‘‘अपनी कैबिनेट के साथ मैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं और मैं आपसे इसे स्वीकार करने का आग्रह करता हूं।’’ त्यागपत्र में कहा गया, ‘‘मैं इस मौके पर कार्यकाल के दौरान मुझे और मेरे सहयोगियों को मिले सहयोग के लिए मैं आभारी हूं।’’

विधानसभा में पिछले बृहस्पतिवार को उन्होंने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। चार दिनों तक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद कुमारस्वामी ने कहा,‘‘मैं खुशी से इस पद का बलिदान करने को तैयार हूं।’’ कार्यवाही में 21 विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया जिससे सदन की प्रभावी क्षमता घटकर 204 रह गयी। कार्यवाही में कांग्रेस-जदएस (17), बसपा (एक), निर्दलीय (दो) के विधायक नहीं आए। इस तरह 103 का जादुई आंकड़ा नहीं जुट पाया। कुमारस्वामी ने कहा कि विश्वास मत की कार्यवाही को लंबा खींचने की उनकी कोई मंशा नहीं थी।

टॅग्स :राहुल गांधीएचडी कुमारस्वामीकर्नाटक सियासी संकट
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