... तो इस वजह से अचानक धराशायी हो गई ग्रेटर नोएडा की दो इमारतें
By पल्लवी कुमारी | Published: July 19, 2018 06:06 AM2018-07-19T06:06:10+5:302018-07-19T06:06:10+5:30
घटना 17 जुलाई की रात 9 बजे की है। लेकिन तब से लेकर अभी तक बचाव कार्य जारी है। मरने वालों की संख्या 7 हो गई है।
नई दिल्ली, 19 जुलाई: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में मंगलवार( 17 जुलाई) रात चार मंजिला और निर्माणाधीन छह मंजिला इमारत अचानक ढह गई थी। जिसमें अब तक सात लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। इस घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। सीएम योगी ने मृतकों के लिए 2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही दुर्घटना में घायलों के लिए भी 50 हजार का ऐलान किया है।
पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 18 अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया है। जिसमें ठेकेदारों, उप-ठेकेदारों, बिल्डरों, संपत्ति डीलरों और वास्तुकार शामिल है।
पुलिस जांच में पता चला है कि एक साल पहले इमारतों में से एक का निर्माण किया गया था और इसमें फ्लैट बिक्री के लिए तैयार थे। पुलिस ने कहा कि बिल्डरों और संपत्ति डीलरों दिनेश और संजीव कुमार और क्षेत्र में जमीन रखने वाले एक व्यक्ति शंकर द्विवेदी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ग्रेटर नोएडा इमारत हादसा: सीएम योगी ने किया 2 लाख मुआवजे का ऐलान, मरने वालों की संख्या 7
पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक, खसरा नंबर 5, शाहबेरी में संपत्ति का निर्माण जीके होम द्वारा किया गया था। एफआईआर बताती है कि निर्माता "जानबूझकर" निर्माण के लिए "खराब गुणवत्ता सामग्री" का इस्तेमाल करता था। "यह जानकर कि खराब गुणवत्ता वाली सामग्री का परिणाम मृत्यु हो सकता है। एफआईआर की कॉपी में साफ-साफ लिखा गया है कि ठेकेदारों भवनों का निर्माण करने में "खराब गुणवत्ता सामग्री" का इस्तेमाल करता था। यही वजह है कि इमारते अचानक से ध्वस्त हो गए। जिसमें अब तक सात लोगों के मरने की खबर है। जबकि सैकड़ों के फंसने होने की। एफआईआर में यह भी लिखा गया है कि बिल्डरों को अक्सर अंतराल पर अधिकारियों द्वारा चेतावनी भी दी जाती थी लेकिन उन्होंने निर्माण बंद नहीं किया।
घटना 17 जुलाई की रात 9 बजे की है। लेकिन तब से लेकर अभी तक बचाव कार्य जारी है। संकरी गली होने के कारण एनडीआरएफ की टीम और ऐम्बुलेंस को पहुंचने में भी काफी दिक्कतें हो रही हैं। लेकिन एनडीआरएफ की टीम का मानना है कि मलबे में कई लोग जीवीत भी हो सकते हैं, इसलिए मलबे को धीरे-धीरे हटाने की कोशिश की जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक संजय कुमार अपनी टीम द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे। मलबे में दबी एक महिला समेत पांच लोगों के शवों को बचाव टीम ने बाहर निकाला है। बचाव व राहत कार्य अभी भी जारी है। आशंका है कि अभी भी इमारत के मलबे में दर्जनभर लोग और दबे हैं।
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