बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने से जुड़ी अधिसूचना वापस लेने के लिए सरकार को विवश किया जाएगा: सीडब्ल्यूसी

By भाषा | Updated: October 16, 2021 19:02 IST2021-10-16T19:02:14+5:302021-10-16T19:02:14+5:30

Govt will be compelled to withdraw notification on enhancement of powers of BSF: CWC | बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने से जुड़ी अधिसूचना वापस लेने के लिए सरकार को विवश किया जाएगा: सीडब्ल्यूसी

बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने से जुड़ी अधिसूचना वापस लेने के लिए सरकार को विवश किया जाएगा: सीडब्ल्यूसी

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने का अधिकार दिए जाने को राज्यों के अधिकार में अतिक्रमण करार देते हुए कहा कि विभिन्न पक्षों और दलों के साथ मिलकर सरकार को इस अधिसूचना को वापस लेने के लिए विवश किया जाएगा।

सीडब्ल्यूसी की बैठक में देश के राजनीतिक हालात पर पारित प्रस्ताव में यह कहा गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना पर गंभीर चिंता प्रकट की है, जो केंद्रीय सुरक्षा बलों को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और तलाशी लेने का अधिकार देता है।’’

सीब्ल्यूसी ने कहा, ‘‘यह राज्यों की कार्यकारी शक्ति पर खतरनाक अतिक्रमण है। कांग्रेस सभी संबंधित पक्षों, अन्य राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श करेगी तथा आगे कदम उठाएगी ताकि केंद्र सरकार यह अधिसूचना वापस लेने पर विवश हो सके।’’

कांग्रेस कार्यसमिति ने दावा किया, ‘‘ देश में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा, दोनों को लेकर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से गंभीर खिलवाड़ और समझौता किया है। एक साल के करीब बीत गया, परंतु चीन अब भी डेपसांग, गोगरा हॉट स्प्रिंग पर कब्जा किये बैठा है और प्रधानमंत्री जी के मुंह से चीन शब्द नहीं निकलता।’’

राजनीतिक हालात से संबंधित इस प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर लगातार हमले हो रहे हैं। पर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगती। जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाने और पूर्ण प्रांत का दर्जा देने की बजाय सरकार केवल बहाने ढूंढती है।’’

सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों की स्थिति को लेकर भी चिंता प्रकट की गई है।

कांग्रेस कार्यसमिति ने यह भी कहा कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, पिछड़े वर्गों और उनके अधिकारों पर ‘हमले’ चिंताजनक हैं।

प्रस्ताव में अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी चिंता प्रकट की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार देश की संपत्तियों को बेचने में लगी है।

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