PM मोदी की बड़ी तैयारी, 100 दिनों के भीतर एक राष्ट्र एक चुनाव योजना को लागू करना चाहती है सरकार
By हरीश गुप्ता | Published: August 17, 2019 08:22 AM2019-08-17T08:22:14+5:302019-08-17T08:34:41+5:30
एक राष्ट्र एक टैक्स, वन नेशन, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, खुले में शौच मुक्त भारत, अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए पर फैसले के बाद अब प्रधानमंत्री अगले 100 दिनों के भीतर एक राष्ट्र एक चुनाव एजेंडा लागू करना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी एक राष्ट्र एक चुनाव (वन नेशन वन पोल) की महत्वाकांक्षी योजना को जल्द साकार करने के लिए एक समिति का गठन कर सकते हैं. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस साल दोबारा सत्ता में आने के तुरंत बाद जून में मोदी ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात के दौरान अपनी इस योजना को आगे बढ़ाया.
उन्होंने सभी दलों के नेतृत्व से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावनाओं का पता लगाने का अनुरोध किया. अब यह साफ है कि उन्होंने इसके लिए पहले ही रोडमैप तैयार किया था और विभिन्न तिमाहियों से प्राप्त इनपुट के आधार पर एक समिति गठित की थी.
एक राष्ट्र एक टैक्स, वन नेशन, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, खुले में शौच मुक्त भारत, अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए पर फैसले के बाद अब प्रधानमंत्री अगले 100 दिनों के भीतर एक राष्ट्र एक चुनाव एजेंडा लागू करना चाहते हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से गुरुवार को अपने भाषण में उन्होंने इसमें कोई संदेह नहीं छोड़ा कि एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए वह आक्रामक रूप से पूरी जोर लगाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने थिंक टैंक नीति आयोग 2024 से दो चरण के लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सिफारिश को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं. कानून आयोग ने पिछले साल अगस्त में खर्च में कटौती और जनता के पैसे बचाने के लिए लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी. जब कानून मंत्रालय ने कहा कि संविधान में संशोधन और संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत के बिना यह संभव नहीं है, तो प्रधानमंत्री मोदी इस पर समर्थन जुटाने में व्यस्त हो गए.
अनुच्छेद 370 पर समर्थन से उत्साहित :
अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए संबंधी अपने फैसले पर राज्यसभा में दो तिहाई और लोकसभा में तीन चौथाई समर्थन हासिल करने से सरकार उत्साहित है. वह अपनी महत्वाकांक्षी एक देश एक चुनाव योजना पर भी संसद में उसी प्रकार समर्थन जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी.