ईमानदारी का सर्टिफिकेट जारी, ईमानदारी की कीमत 3000 रुपये

By खबरीलाल जनार्दन | Published: January 3, 2018 09:43 AM2018-01-03T09:43:25+5:302018-01-03T10:01:02+5:30

बजरंग शर्मा इस इनामी राशि को लौटाना चाहते हैं। उनका आरोप है विधायक उन्हें इन पैसों से खरीदना चाहते है।

Govt want to buy my honesty in 3k rupee  | ईमानदारी का सर्टिफिकेट जारी, ईमानदारी की कीमत 3000 रुपये

ईमानदारी का सर्टिफिकेट जारी, ईमानदारी की कीमत 3000 रुपये

(तस्वीरें बालाघाट से सुधीर शर्मा ने भेजी हैं।)

बजरंग शर्मा मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह स्वतः संज्ञान से अपनी सामर्थ्यानुसार आसपास की सामाज‌िक बुराइयों से लड़ते हैं। इनमें सफाई, भ्रष्टाचार प्रमुख है। इसके चक्कर में एक बार कुछ लोगों ने उन्हें बहुत पीटा भी। शायद इसीलिए स्‍थानीय विधायक ने उनकी ईमानदारी का इनाम देने की सोची होगी। लेकिन उन्होंने इसकी कीमत 3000 रुपये लगाई। बजरंग शर्मा इस इनामी राशि को लौटाना चाहते हैं। उनका आरोप है विधायक उन्हें इन पैसों से खरीदना चाहते है।

(ईमानदारी का पैसा वापस लौटाने की दरख्वास्त)

बजरंग शर्मा 55 साल के हैं। वह शादी-विवाह आद‌ि समारोहों में टेंट लगाने का काम करते हैं। वह बताते हैं, "मैंने हमेशा गलत कामों का विरोध किया। हमारे गांव में कोटेदार मुंह देखकर लोगों को मिट्टी का बांटता है। जिससे उसकी पटरी नहीं खाते वह उसे कैरोसिन देने से इंकार कर देता है। मैंने हमेशा उसका विरोध किया।"

वह आगे बताते हैं, "हमारे गांव की तुलना में इसके आसपास के बसी पढ़े-लिखे लोगों की कॉलोनियों में ज्यादा गंदगी नजर आती है। मैंने हमेशा उनको इसके लिए टोका।"

(ईमानदारी का सर्टिफिकेट)

लेकिन उनके इस कदम ने उनके खिलाफ काफी लोगों को खड़ा कर दिया। बजरंग बताते हैं, "मिट्टी के तेल, क्षेत्र में चल रही योजनओं में हो रही पैसों की बर्बादी के बारे में बोलना शुरू किया तो एक दिन मेरे ऊपर हमला हो गया। मुझे बहुत मारा। मेरा सिर फोड़ दिया।"

"जब लोगों ने पीटा तब नहीं हुई कोई मदद"

बजरंग शर्मा का आरोप है कि सरकार ने तब उनकी कोई मदद नहीं की जब उन्हें जरूरत थी। एक वक्त जब लोगों ने उनकी पिटाई की थी तब इलाज के ‌लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी। लेकिन तब उनके लिए कोई सहायता नहीं पहुंची। जब उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्रों के कामकाज पर सवाल उठाना शुरू किया तो उन्हें ईमानदारी तमगा दिया गया, 3000 रुपये।

ये पैसे सर्टिफकेट के साथ उन्हें मनी-ऑर्डर से आए थे। सात साल पहले। बजरंग शर्मा ने बताया, "मनी ऑर्डर मिलते ही मैं इसे लौटाने के लिए कलक्टर के ऑफिस गया। लेकिन उन्होंने वापस नहीं किया।" इस मामले पर हमने स्‍थानीय विधायक से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।

Web Title: Govt want to buy my honesty in 3k rupee 

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