पुलवामा से लश्कर, जैश जैसे आतंकी संगठन कर रहे से सबसे ज्यादा स्थानीय युवाओं की भर्ती: रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 27, 2019 09:27 AM2019-03-27T09:27:51+5:302019-03-27T09:27:51+5:30
पुलवामा में 14 फरवरी को एक आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये थे। इस घटना की जिम्मेदारी तब जैश ने ही ली थी।
पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठनों ने साल 2018 और 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से सबसे ज्यादा स्थानीय लड़कों को भर्ती किया। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से साझा की गई एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
पुलवामा में 14 फरवरी को एक आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये थे। इस घटना की जिम्मेदारी तब जैश ने ही ली थी। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार इस रिपोर्ट में इस घटना का भी जिक्र है और कहा गया है कि इस हमले का पूरा तरीका वैसा ही था जैसा सीरिया और अफगानिस्तान में होता है। पुलवामा हमले के पीछे रहे असल आतंकी राशिद गाजी उर्फ कमरान और फरहाद बट्ट 17 फरवरी को एक एनकाउंटर में मारे गये थे।
बहरहाल, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 63 स्थानीय लोगों की भर्ती आतंकी संगठनों की ओर से की गई। इस साल यह संख्या फिलहाल दो है। सोपियां इस मामले में दूसरे नंबर पर है जहां साल 2018 में 46 स्थानीय लोगों की भर्ती की गई। यह रिपोर्ट ये भी बताती है कि 2019 में सबसे ज्यादा जैश-ए-मोहम्मद के 15 आतंकी मारे गये। वहीं, हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर के 10 आतंकी ढेर किये गये। पिछले साल जैश ने कश्मीर घाटी से करीब 33 लोगों की भर्ती की थी। वही, हिज्बुल और लश्कर ने क्रमश: 79 और 66 लोगों को 2018 में भर्ती किया।
इसके अलावा भी कई ऐसे बातें जो संकेत देती हैं कि हाल के दिनों में घाटी में जैश की सक्रियता बढ़ी है। मसलन स्थानीय पुलिस के अनुसार 2018 में जैश ने कम से कम 30 हमले जम्मू-कश्मीर में किये थे। साथ ही 2017-18 में करीब 150 आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी।