सोशल मीडिया पर सरकार की कड़ी नजर, 2019 में आपातकालीन अनुरोध के जरिए फेसबुक से मांगा हजारों यूजर्स का डेटा
By निखिल वर्मा | Published: May 13, 2020 11:04 AM2020-05-13T11:04:03+5:302020-05-13T11:04:03+5:30
कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियां सामान्य प्रक्रिया के अलावा यूजर्स का डेटा मांगने के लिए सीधे आपातकालीन अनुरोध भी करती है.
पिछले साल की तुलना में भारत सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने फेसबुक से ज्यादा उपयोगकर्ताओं की जानकारी मांगी है। मंगलवार (12 मई) को देर रात जारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने फेसबुक से साल 2019 में 3369 यूजर्स का डेटा मांगने के लिए आपातकालीन अनुरोध किए। ये साल 2018 के 1478 अनुरोधों से दोगुना से भी ज्यादा है। 2017 में सरकार ने 460 और 2016 में 121 लोगों के बारे में जानकारी मांगी थी। अगर पिछले चार सालों के आंकड़ों की तुलना करें तो डेटा मांगने में 28 गुना बढ़ोत्तरी देखी गई है।
फेसबुक के रिपोर्ट के मुताबिक, "आपातकालीन स्थिति में कानूनी एजेंसियां कानूनी कार्यवाही के बिना भी यूजर्स का डेटा मांग सकती है। परिस्थितियों के आधार पर हम कानून एजेंसियो को स्वेच्छा से जानकारी देते हैं। जहां हमें यह विश्वास हो कि मामले में गंभीर शारीरिक चोट या मृत्य का जोखिम शामिल हो।"
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, आपातकालीन अनुरोधों में बढ़ोत्तरी तब देखी गई जब पिछले साल आम चुनाव हुआ, जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द कर दिया गया और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जैसे प्रस्तावा पर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।
कानूनी प्रक्रिया द्वारा के माध्यम से भी यूजर्स के डेटा मांगने में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। साल 2018 में सरकार ने 37 हजार से अधिक अनुरोध किए थे जो 2019 में बढ़कर 50000 हो गए। फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम पर पोस्ट के बारे में अनुरोध तेजी से बढ़ रहे हैं, जो उस प्लेटफ़ॉर्म में सरकार की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
इंडियन एक्सप्रेस ने पहले 2019 की पहली छमाही में किए गए डेटा अनुरोधों की वृद्धि पर रिपोर्ट दी थी, तब तक 1,615 आपातकालीन अनुरोध किए गए थे। नए आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 की दूसरी छमाही ने 1,754 आपातकालीन अनुरोध किए गए। 2019 में भारत में 41 बार इंटरनेट संबंधी रोक लगी जिसकी अवधि 18 घंटे से लेकर तीन सप्ताह तक थी। इनमें से आधे रोक दिसंबर 2019 में थे, जब सीए-विरोधी विरोध अपने चरम पर था।
आम तौर पर, फेसबुक के डेटा अनुरोधों को अमेरिकी न्याय विभाग के माध्यम से पारित किया जाना चाहिए, जैसा कि दोनों देशों के बीच पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के अनुसार है। हालांकि, "आपातकालीन" अनुरोधों को सीधे कानून प्रवर्तन एजेंसियां फेसबुक से ऑनलाइन मांग लेती है।