महापौर चुनाव बिल को लेकर बयानबाजी से नाराज हुए राज्यपाल
By राजेंद्र पाराशर | Updated: October 7, 2019 22:48 IST2019-10-07T22:48:32+5:302019-10-07T22:48:32+5:30
महापौर और नगर पालिका एवं नगर परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के बिल को राज्यपाल लालजी टंडन ने रोक दिया था.

महापौर चुनाव बिल को लेकर बयानबाजी से नाराज हुए राज्यपाल
मध्यप्रदेश में सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव की स्थिति निर्मित होती नजर आ रही है. अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव कराने के बिल को राज्यपाल द्वारा रोकने के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी से राज्यपाल नाराज हो गए हैं. बताया जाता है कि राज्यपाल लालजी टंडन ने अब इस मामले को लेकर विधि विशेषज्ञों से राय लेकर ही फैसला लेने का मन बनाया है.
महापौर और नगर पालिका एवं नगर परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के बिल को राज्यपाल लालजी टंडन ने रोक दिया था. इसका भाजपा स्वागत कर रही थी, तो कांग्रेस की ओर से विरोध किया जा रहा था. राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इसे लेकर रविवार को ट्वीट कर राज्यपाल से इस बिल को नहीं रोकने को कहा था. उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा था कि ‘सम्माननीय राज्यपाल आप एक कुशल प्रशासक थे और है. संविधान में राज्यपाल कैबिनेट की अनुशंसा के तहत कार्य करते है, इसे राज्य धर्म कहते है. विपक्ष की बात सुने मगर महापौर चुनाव बिल नहीं रोके. यह गलत परंपरा होगी. जरा सोचिए.’ तन्खा के इस ट्वीट के बार कांग्रेस नेताओं ने भी इसका विरोध तेज कर दिया था.
कांग्रेस नेताओं के इस विरोध के बाद राज्यपाल ने नाराजगी जताई है. सूत्रों के अनुसार राज्यपाल लालजी टंडन ने अब इस मामले को लेकर विधि विशेषज्ञों से राय लेने का फैसला लिया है. सूत्रों की माने तो इस संबंध में लालजी टंडन ने विधि विशेषज्ञों से राय मांगी है. बताया यह भी जा रहा है कि अपने अधिकार जानने के बाद महापौर बिल पर लालजी टंडन फैसला लेंगे. बता दें कि विवेक तन्खा ने महापौर बिल को लेकर राज्यपाल का अधिकार क्षेत्र बताया था.
उल्लेखनीय है किहाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग के अप्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया संबंधी प्रस्ताव को पिछले महीने कैबिनेट ने मंजूरी दी थी, जिसके तहत प्रदेश में महापौर का चयन निर्वाचित पार्षदों द्वारा किया जाना है. भाजपा इस प्रक्रिया का विरोध कर रही है. राज्यपाल ने भी इस अध्यादेश को अभी मंजूरी नहीं दी है, जिसको लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता विवेक तन्खा ट्वीट कर राज्यपाल को राजधर्म पालन करने की बात कही थी.
शिवराज मिले राज्यपाल से
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमने राज्यपाल से मांग की है कि त्रिस्तरीय पंचायत के अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष हो. उन्होंने महापौर के अप्रत्यक्ष चुने जाने वाले अध्यादेश का विरोध किया है. चौहान ने विवेक तंखा के ट्वीट पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल अपने राजधर्म का पालन कर रहे हैं. वे अनुभव की भट्टी से पके हुए, उनको कांग्रेस सीख नहीं दे. इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा है कि ‘पराजय का इतना डर बैठ गया है कांग्रेस पार्टी को कि वह भोपाल नगर निगम के टुकड़े करने का कुत्सित प्रयास कर रही है. कांग्रेस हमेशा से ही वोटबैंक की राजनीति कर जनता को ठगने का काम करती आ रही है. भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के कमलनाथ सरकार के प्रस्ताव का हम विरोध करते हैं. ’