मध्य प्रदेश: अपराध को दबाने की कोशिश कर रही सरकार
By राजेंद्र पाराशर | Published: December 3, 2019 01:06 AM2019-12-03T01:06:34+5:302019-12-03T01:06:34+5:30
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने कहा कि भारतीय विष विज्ञान संस्थान जो केंद्र सरकार की संस्था है, कुल एक लाख की आबादी वाली 42 मोहल्लों के भूजल को प्रदूषित पाया है
राजधानी भोपाल के गैस पीड़ित संगठनों ने मध्य प्रदेश सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह कारखाने के प्रदूषित परिसर पर हादसे का स्मारक बनाकर अब तक जारी इस पर्यावरणीय अपराध को दबा देने की कोशिश कर रही है.
गैस पीड़ितों के लिए कार्य कर रहे चार स्थानीय संगठनों की अगुआई में यूनियन कार्बाइड के जहरीली कचरे से प्रदूषित भूजल के पीड़ितों ने परित्यक्त कीटनाशक कारखाने के पास मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया. भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे की 35वीं बरसी के पहले इस प्रदर्शन के जरिए प्रदूषित भूजल पीड़ितों ने मुफ्त इलाज, प्रदूषित इलाके की जहर सफाई और यूनियन कार्बाइड के वर्तमान मालिक डाव केमिकल कंपनी से मुआवजा की मांग की.
गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की रशीदा बी का कहना है कि 1984 तक कीटनाशक कारखाने के अत्यन्त जहरीले कचरे को परिसर के अंदर और 1996 में कारखाने के बाहर असुरक्षित तरीके से दबाने की वजह से ही आज कारखाने से 4 किलोमीटर दूरी तक भूजल रासायनिक जहरों से प्रदूषित होना पाया गया है. 1990 से लेकर हाल तक सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा किए गए 16 अध्ययनों में यह पाया गया है कि 30 मीटर से अधिक गहराई और कारखाने से कई किलोमीटर दूर तक भूजल के नमूनों में कीटनाशक, भारी धातु और ऐसे जहरीले रसायन मिले हैं जो मानव शरीर में इकट्ठा होते जाते हैं और जिनकी विषाक्तता लंबे समय तक बनी रहती हैं. वहीं डाव कार्बाइड के खिलाफ बच्चे की नौशीन खान ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे डाव केमिकल से जहर सफाई और पीड़ितों के लिए मुआवजा वसूल करे. ऐसा करने के बदले सरकार ने यह योजना बनाई है कि प्रदूषित कारखाना परिसर में हादसे का स्मारक बनाकर प्रदूषण पर पर्दा डाल दिया जाए.
केन्द्र सरकार भी है मौन
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने कहा कि भारतीय विष विज्ञान संस्थान जो केंद्र सरकार की संस्था है, कुल एक लाख की आबादी वाली 42 मोहल्लों के भूजल को प्रदूषित पाया है और इस प्रदूषण फैलना लगातार जारी है. केंद्र सरकार की दो संस्थाओं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान द्वारा भूजल में अत्यन्त जहरीले रसायनों की मौजूदगी बताने के बावजूद केंद्र सरकार इस पर्यावरणीय हादसे के बारे में चुप्पी साधे हुए है.
जब्बार के संघर्ष को रखेंगे जारी
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की वरिष्ठ कार्यकर्ता हमीदा बी शांति देवी रईसा बी मोहिनी देवी ने कहा की संगठन के संयोजक स्वर्गीय अब्दुल जब्बर इस दुनिया में नहीं रहे, उनके इस संघर्ष और गैस पीड़ितों की लड़ाई संगठन जारी रखेगा. उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर 11 बजे शाहजनी पार्क भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन श्रद्धांजलि सभा करेगी. गैस पीड़ित विधवाओं को जो पेंशन बंद की गई उसे पुना चालू कर ढ़ाई हार रुपए महीना किया जाए और गैस पीड़ित बीमारों को आजीविका पेंशन दी जाए.