देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : अनिल घनवट

By भाषा | Updated: November 20, 2021 16:06 IST2021-11-20T16:06:35+5:302021-11-20T16:06:35+5:30

Government should issue white paper on the condition of agriculture and farmers in the country: Anil Ghanwat | देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : अनिल घनवट

देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : अनिल घनवट

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 20 नवंबर तीन विवादित कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति के सदस्य अनिल जे. घनवट ने इन कृषि कानूनों को व्यापक विचार विमर्श किये बिना जल्दबाजी में लाने का आरोप लगाते हुए सरकार से देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है ।

शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट ने ‘‘भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘ आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश में व्यापक कृषि नीति नहीं है और अभी तक हम अंग्रेजों की बनाई नीतियों पर ही चल रहे है जो किसानों को लूटने वाली थी । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी स्थिति में सरकार को सबसे पहले देश में कृषि एवं किसानों की स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए । इसमें यह उल्लेख हो कि कितने किसान हैं, कौन किसान हैं, वे क्या उगाते हैं और कैसे उगाते हैं । किसानों पर किन-किन श्रेणियों में कितना कर्ज है और उनकी स्थिति क्या है।’’

घनवट ने कहा कि सरकार को कृषि सुधारों के सम्पूर्ण आयामों पर विचार करने के लिये एक ऐसी समिति बनानी चाहिए जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त हो ।

उन्होंने कहा कि इस समिति में कृषि विशेषज्ञ, मंत्रालयों के प्रतिनिधि, किसानों सहित किसान संगठनों के नेता, राजनीतिक दलों के नेता, विपक्ष के नेता सहित सभी पक्षकारों को शामिल किया जाए।

अनिल घनवट ने कहा, ‘‘ इस समिति को तीन कृषि कानूनों सहित कृषि एवं किसानों से जुड़े सम्पूर्ण आयामों पर व्यापक विचार विमर्श करना चाहिए और इसकी रिपोर्ट पर संसद में विस्तृत चर्चा करने के बाद व्यापक कृषि सुधार की ओर बढ़ना चाहिए । ’’

उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को सरकार व्यापक विचार विमर्श किये बिना जल्दबाजी में लायी जिसके कारण ही आंदोलन खड़ा हो गया ।

उच्चतम न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज हैं हालांकि इसमें कृषि कानूनों में शामिल किये गए विवाद निवारण प्रणाली के संबंध में राजस्व अदालत को अधिकार दिये जाने के बारे में भी सिफारिश की गयी है।

उन्होंने कहा कि समिति ने किसानों की शिकायतों एवं विवादों के निपटारे के लिये न्यायाधिकरण या परिवार अदालत की तर्ज पर एक व्यवस्था तैयार करने का सुझाव दिया है जहां सिर्फ किसानों से जुड़े मुद्दों की ही सुनवाई हो ।

घनवट ने कहा, ‘‘हमने मंडी से संबंध में उपकर को लेकर भी सुझाव दिये हैं कि उपकर किससे लेना है। इसके अलावा कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) को लेकर भी कुछ सुझाव दिये हैं जहां हमारा मानना है कि प्रत्येक राज्य की परिस्थितियां और उपज भिन्न भिन्न होती हैं।’’

उन्होंने कहा कि पंजाब में मूल रूप से गेहूं और चावल उगाया जाता है जिसके लिये अधिक मात्रा में पानी की जरूरत होती है, ‘‘ऐसे में हमने वैकल्पिक फसल के संबंध में भी सुझाव दिये हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Government should issue white paper on the condition of agriculture and farmers in the country: Anil Ghanwat

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे