अनुच्छेद 370 पर देश ही नहीं विदेश में हंगामा जारी है। गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान में विऱोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस बीच पाकिस्तान मीडिया में चर्चा है कि पाकिस्तान सरकार भारत से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने पर विचार कर रही है।
अनुच्छेद 370 को खत्म करने के गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं। कराची में निकाले गये जुलूस में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। उन्होंने हाथों में तख्तियां पकड़ भारत विरोधी नारे लगाये।
सरकार ने पूरा किया वादा : न्यूयॉर्क टाइम्स
कई वर्षों से कश्मीर में प्रशासन भारत के अन्य हिस्सों से अलग तरह से चलाया जा रहा था। सरकार के इस फैसले को बड़े स्तर पर कश्मीर की स्वायत्तता पर चोट के तौर पर देखा जायेगा। भाजपा सरकार ने चुनाव प्रचार के दौरान कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का वादा किया था, जो कि प्रमुख रूप से मुस्लिम बाहुल्य है।
मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने संघ परिवार के उस वाक्य को पूरा किया, जिसमें वह हमेशा से ही जम्मू-कश्मीर के भारत का अभिन्न हिस्सा होने की बात कहता रहा है। कश्मीरी भारत की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार के इस फैसले को मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर में हिंदू जनसंख्या को बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।
भाजपा हमेशा से ही कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने की बात कहती रही है, पर यह पहली बार है कि कोई मजबूत प्रस्ताव पटल पर रखा गया है। यह घोषणा पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी की विरासत को बयां करेगी।
भाजपा ने कश्मीर में पीडीपी से गठबंधन खत्म कर मजबूत हुई, तभी राज्य में राज्यपाल शासन लागू हुआ और शासन सीधे केंद्र के हाथों में चला गया। लिहाजा, केंद्र को बिना स्थानीय राजनीतिज्ञों की मदद से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ने का मौका मिला।