केंद्रीय एजेंसियों की मदद से सरकारी हत्याओं ने अब ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ की जगह ले ली है : संजय राउत

By भाषा | Updated: October 17, 2021 21:59 IST2021-10-17T21:59:54+5:302021-10-17T21:59:54+5:30

Government killings with the help of central agencies have now replaced 'contract killings': Sanjay Raut | केंद्रीय एजेंसियों की मदद से सरकारी हत्याओं ने अब ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ की जगह ले ली है : संजय राउत

केंद्रीय एजेंसियों की मदद से सरकारी हत्याओं ने अब ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ की जगह ले ली है : संजय राउत

मुंबई, 17 अक्टूबर जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए ‘पैसे लेकर हत्याएं करने’ (कॉन्ट्रैक्ट किलिंग) की जगह अब ‘सरकारी हत्याओं’ ने ले ली है।

शिवसेना नीत महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के कुछ मंत्रियों के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर जांच के दायरे में होने और उनमें से एक के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तहकीकात का सामना करने पर राउत ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां ‘‘दिल्ली में (केंद्र की) सत्ता में बैठी पार्टी के लिए पैसे लेकर हत्याएं करने का काम कर रही हैं।’’

राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में लिखा, ‘‘क्या महाराष्ट्र में विधि का शासन है या छापेमारी का शासन है? केंद्रीय जांच एजेंसियों के रिकार्ड तोड़ छापों को देखते हुए किसी के भी मन में यह सवाल आएगा।’’

उन्होंने कहा कि अब से पहले दिल्ली (केंद्र) के शासक झूठ बोला करते थे, लेकिन अब निरंतर छापों का आदेश देना बगैर कोई पूंजी निवेश किये एक नया धंधा हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में मुंबई में कॉंन्ट्रैक्ट किलिंग रोजमर्रा की बात थी (जब अंडरवर्ल्ड सक्रिय था)। विरोधियों की हत्या के लिए हिटमैन को पैसे दिये जाते थे। इसकी जगह अब सरकारी हत्या ने ले ली है। केंद्र की सत्ता में बैठी पार्टी के लिए सरकारी जांच एजेंसियां ‘कॉंन्ट्रैक्ट किलर’ के रूप में काम कर रही हैं। ’’

राउत ने कहा कि अवांछित राजनीतिक विरोधियों को खत्म करना अब इन एजेंसियों की नई नीति नजर आ रही है।

उन्होंने कहा कि पी एम केयर्स फंड का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, जबकि प्रधानमंत्री के नाम पर करोड़ों रुपये एकत्र किये गये।

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