सरकार ‘ब्लू टिक’ के लिए लड़ रही, टीका चाहिए तो ‘आत्मनिर्भर’ बनो : राहुल, भाजपा ने किया पलटवार

By भाषा | Published: June 6, 2021 05:02 PM2021-06-06T17:02:34+5:302021-06-06T17:02:34+5:30

Government is fighting for 'blue tick', if you want vaccine then be 'self-reliant': Rahul, BJP retaliated | सरकार ‘ब्लू टिक’ के लिए लड़ रही, टीका चाहिए तो ‘आत्मनिर्भर’ बनो : राहुल, भाजपा ने किया पलटवार

सरकार ‘ब्लू टिक’ के लिए लड़ रही, टीका चाहिए तो ‘आत्मनिर्भर’ बनो : राहुल, भाजपा ने किया पलटवार

नयी दिल्ली, छह जून कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ‘ब्लू टिक’ के लिए लड़ रही है और कोविड-19 रोधी टीके हासिल करने के लिए लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ हो जाने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा उन्हें सोशल मीडिया से बाहर निकलकर जमीन पर काम करना चाहिए। भाजपा ने राहुल गांधी से कांग्रेस शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में वहां कथित घोटाले और अनियमितताओं को लेकर भी बात करने को कहा।

राहुल का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब एक दिन पहले ही ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और मोहन भागवत समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष पदाधिकारियों के निजी अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया और बाद में हंगामा होने पर इसे बहाल कर दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा ‘‘ब्लू टिक के लिए मोदी सरकार लड़ रही है...कोविड टीका चाहिए तो आत्मनिर्भर बनो।’’

राहुल पर कटाक्ष करते हुए भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा ने कहा ट्विटर पर राजनीति करना उनका पसंदीदा कार्य है और यही उनके लिए सबसे बड़ा मंच है। पात्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने बड़े स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाकर और गरीबों को मुफ्त राशन देकर सराहनीय काम किया है।

एक अन्य ट्वीट में राहुल ने भाषाई आधार पर भेदभाव रोकने को कहा है। दिल्ली सरकार के एक अस्पताल ने नर्सों से ड्यूटी के दौरान मलयालम में बात नहीं करने को कहा। बाद में इस आदेश को वापस ले लिया गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मलयालम भी भारतीय भाषा है। भाषा के आधार पर भेदभाव करना बंद करें।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस मामले पर चिंता प्रकट की और गोविंद वल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के आदेश को पोस्ट किया, जिसमें चेताया गया कि केवल हिंदी और अंग्रेजी में बात करें, वरना कार्रवाई की जाएगी। प्रियंका गांधी ने मलयालम में ट्वीट किया, ‘‘यह आदेश हमारे देश के बुनियादी मूल्यों का उल्लंघन है। यह नस्लवादी, पक्षपातपूर्ण और पूरी तरह गलत है।’’ साथ ही कहा कि मलयाली नर्सें कोविड-महामारी के समय अपनी जान को खतरे में डालकर लोगों की जान बचाने का काम कर रही हैं।

प्रियंका ने कहा, ‘‘यह आदेश अपमान है। हमें उनका आभारी होना चाहिए और सम्मान दिखाना चाहिए। जितनी जल्दी हो इसे (आदेश को) वापस लिया जाना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।’’ प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार ने सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के दौरान ऑक्सीजन बेड की संख्या 36 प्रतिशत, आईसीयू बेड की संख्या 46 प्रतिशत और वेंटिलेटर बेड की संख्या 28 प्रतिशत घटा दी।

प्रियंका ने कहा, ‘‘क्या भारतीय नागरिकों का स्वास्थ्य सेंट्रल विस्टा परियोजना से कम महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि 2023 तक परियोजना पूरी करने के लिए सरकार ने इसे जरूरी सेवा की श्रेणी में रखा। ‘जिम्मेदार कौन’ अभियान के तहत कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘देश के हरेक विशेषज्ञ, स्वास्थ्य पर संसदीय समिति और उनके दो सीरो सर्वेक्षण ने आगाह किया था कि दूसरी लहर के लिए अतिरिक्त बेड की जरूरत होगी।

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