सरकार यूरिया का नियंत्रण समाप्त करने के लिए विकल्पों पर विचार कर रही है: वित्त मंत्रालय

By भाषा | Published: December 5, 2019 05:58 AM2019-12-05T05:58:58+5:302019-12-05T05:58:58+5:30

उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने बुधवार को कहा कि सरकार पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दर को तय करके या किसानों के खाते में सब्सिडी का सीधा भुगतान करके यूरिया को नियंत्रणमुक्त करने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है।

Government is considering options to end control of urea: Finance Ministry | सरकार यूरिया का नियंत्रण समाप्त करने के लिए विकल्पों पर विचार कर रही है: वित्त मंत्रालय

सरकार यूरिया का नियंत्रण समाप्त करने के लिए विकल्पों पर विचार कर रही है: वित्त मंत्रालय

Highlightsवर्ष   2010 में, सरकार ने एनबीएस कार्यक्रम शुरू किया थाहालांकि संरचनात्मक समस्याओं के लिए कोई ‘शॉर्ट कट समाधान’ नहीं हैं

 उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने बुधवार को कहा कि सरकार पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दर को तय करके या किसानों के खाते में सब्सिडी का सीधा भुगतान करके यूरिया को नियंत्रणमुक्त करने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है। । वर्ष   2010 में, सरकार ने एनबीएस कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत वार्षिक आधार पर तय किये जाने वाले सब्सिडी की एक निश्चित राशि को यूरिया को छोड़कर, उर्वरक में मौजूद पोषक तत्व सामग्री के आधार पर सब्सिडी वाले फॉस्फेटिक एवं पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड के लिए प्रदान किया जाता है।

भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा गौड़ा ने कहा, ‘‘जहां तक ​​यूरिया नीति में बदलाव का सवाल है, हम सुझावों पर विचार करने को तैयार हैं। यह उर्वरक क्षेत्र को नियंत्राणमुक्त करने के साथ यूरिया के लिए एनबीएस व्यवस्था हो सकती है या किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी का भुगतान हो सकता है। ये कुछ विकल्प हैं, जिन पर चर्चा चल रही है।’’ वर्तमान में, यूरिया एकमात्र नियंत्रित उर्वरक है जिसे एक वैधानिक अधिसूचित समान बिक्री मूल्य पर बेचा जाता है।

इसकी अधिकतम खुदरा कीमत 5,360 रुपये प्रति टन तय की गई है। उर्वरक उद्योग के सामने की चुनौतियों से अवगत होने की बात रखते हुए गौड़ा ने कहा, हालांकि संरचनात्मक समस्याओं के लिए कोई ‘शॉर्ट कट समाधान’ नहीं हैं, लेकिन सरकार संभावित निदान खोजने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

इस अवसर पर नीतीयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि मिट्टी के पोषक तत्व खाद्य सुरक्षा हासिल करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में उर्वरकों की खपत औसत से बहुत कम है और पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर उर्वरकों के प्रभाव को लेकर भ्रांतियों को खारिज करने की आवश्यकता है।

Web Title: Government is considering options to end control of urea: Finance Ministry

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