सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एस के मिश्रा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया
By भाषा | Updated: November 17, 2021 22:00 IST2021-11-17T22:00:33+5:302021-11-17T22:00:33+5:30

सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एस के मिश्रा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया
नयी दिल्ली, 17 नवंबर केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाने के कुछ दिनों बाद सरकार ने बुधवार को ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2022 तक बढ़ा दिया।
आयकर विभाग के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) कैडर के 1984 बैच के अधिकारी मिश्रा का पहले से विस्तारित कार्यकाल बृहस्पतिवार को समाप्त होना था।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने आईआरएस अधिकारी संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को 18 नवंबर 2021 से 18 नवंबर 2022 तक, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, आगे एक वर्ष की अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशालय निदेशक के रूप में बढ़ा दिया है।’’
मिश्रा (61) को पहली बार 19 नवंबर 2018 को एक आदेश द्वारा दो साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था। बाद में 13 नवंबर 2020 के एक आदेश द्वारा नियुक्ति पत्र को केंद्र सरकार द्वारा पूर्व प्रभाव से संशोधित किया गया और दो साल के उनके कार्यकाल को तीन साल के कार्यकाल में बदल दिया गया।
केंद्र के 2020 के इस आदेश को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी जिसने विस्तार आदेश को बरकरार रखा लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा था कि मिश्रा को आगे कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट किया था कि सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त कर चुके अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तार दुर्लभ और असाधारण मामलों में किया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि मिश्रा को आगे कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता है।
हालांकि, सरकार ने पिछले रविवार को दो अध्यादेश जारी किए जिसमें कहा गया था कि ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल अब दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।
अध्यादेशों में कहा गया है कि दोनों मामलों में, निदेशकों को उनकी नियुक्तियों के लिए गठित समितियों की मंजूरी के बाद तीन साल के लिए एक साल का विस्तार दिया जा सकता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।