'बृजभूषण शरण सिंह को यौन उत्पीड़न केस में सरकारी समिति ने बरी नहीं किया है', दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 17, 2023 11:11 AM2023-09-17T11:11:52+5:302023-09-17T11:19:59+5:30

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि उन्हें सरकार द्वारा गठित निगरानी समिति ने यौन शोषण के आरोपों से बरी नहीं किया है।

'Government committee has not acquitted Brij Bhushan Sharan Singh in sexual harassment case', Delhi Police told the court | 'बृजभूषण शरण सिंह को यौन उत्पीड़न केस में सरकारी समिति ने बरी नहीं किया है', दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया

फाइल फोटो

Highlightsबृजभूषण सिंह को सरकारी समिति ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी नहीं किया हैसमिति ने यह नहीं कहा है कि बृजभूषण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोप प्रमाणित होते हैं या झूठे हैंदिल्ली पुलिस ने बीते 15 जून को बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन्हें सरकार द्वारा गठित निगरानी समिति ने यौन शोषण के आरोपों से बरी नहीं किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या नहीं, बहस के दौरान इस तथ्य को रखा।

मामले में विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, "सरकार द्वारा गठित निगरानी समिति ने बृजभूषण शरण सिंह को यौन शोषण के आरोपों से बरी नहीं किया है। समिति ने मामले में केवल अपनी सिफारिशें दी है न कि उन्होंने कोई निर्णय दिया है। समिति की जांच में यह भी नहीं कहा गया है कि बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोप प्रमाणित होते हैं या झूठे हैं।"

उन्होंने अदालत से बृभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आग्रह करते हुए कहा कि महज इशारा भी भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) के तहत अपराध बन सकता है।

दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून को कोर्ट में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह बीते शनिवार को अदालत में पेश हुए थे। दिल्ली पुलिस बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोपों पर 23 सितंबर को अपनी दलीलें फिर से कोर्ट में रखेगी।

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने देश की राजधानी दिल्ली में पहलवानों द्वारा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुए भारी विरोध प्रदर्शन के बाद महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए उन पर यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन किया था।

हालांकि इस जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई लेकिन उसकी एक प्रति दिल्ली पुलिस को दी गई है, जो बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर आरोपों की जांच कर रही है।

अदालत ने मामले में बीते 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह को जमानत दे दी थी और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया था। इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि यौन शोषण जैसे गंभीर अपराध के आरोपों के बावजूद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद भी उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं किया। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: 'Government committee has not acquitted Brij Bhushan Sharan Singh in sexual harassment case', Delhi Police told the court

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