गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल के बच्चों की मौत मामले में जेल में बंद डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद कोर्ट ने बुधवार (25 अप्रैल) को जमानत दे दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस यशवंत वर्मा ने डॉक्टर कफील को जमानत देते हुए कहा कि उन्हें जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है। नौ और 10 अगस्त 2017 को बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में कम से कम 30 बच्चे कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से मर गये थे। डॉक्टर कफील को बच्चों की मौत मामले में अभियुक्त बनाया गया था। राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से मौत से इनकार किया। करीब सात महीने के बाद जमानत पाने वाले डॉक्टर कफील खान ने मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अपने पैसे से ऑक्सीजन खरीद कर बच्चों की जना बचायी थी। हालांकि बाद में कफील खान पर लापरवाही का मामला दर्ज कराया गया था।
डॉक्टर कफील करीब सात महीने से जेल में बंद थे। उन्होंने इस पहले कम से कम छह बार जमानत के लिए अर्जी दी थी लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली। गोरखपुर पुलिस पहले डॉक्टर कफील से भ्रष्टाचार और प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोप वापस ले लिया है। डाक्टर कफील इनसेफलाइटिस वार्ड के प्रमुख थे। बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर कफील के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी, 308 और 409 के तहत मामला दर्ज किया गया।
कपिल के पिता ने मीडिया से कहा था कि उनका बेटा अपनी ड्यूटी कर रहा था लेकिन उसे षडयंत्र के तहत फंसाया गया है।